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डूंगरपुर : पुलिस कस्टडी में तबीयत बिगड़ने के बाद युवक की मौत, लोगों में भारी आक्रोश

दोवड़ा थाना पुलिस कस्टडी में युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद उदयपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया है। आसपुर विधायक भी पूरे मामले में सक्रिय हैं।

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Dungarpur Death

कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण (फोटो-पत्रिका)

डूंगरपुर। दोवड़ा थाने की पुलिस कस्टडी में युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत की खबर लगते ही जिला कलेक्ट्रेट में तनाव और गहरा गया। जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट के बाहर सैकड़ों ग्रामीण और परिजन धरने पर बैठे हैं। कलेक्ट्रेट के अंदर कलक्टर अंकित कुमार सिंह, एसपी मनीष कुमार, विधायक गणेश घोगरा, उमेश डामोर और अनिल मीणा समेत कई लोगों के बीच में बैठक की जा रही है।

दरअसल, शुक्रवार रात वसी गांव स्थित स्कूल में हुई चोरी की जांच के दौरान पुलिस ने करालिया देवसोमनाथ निवासी 25 वर्षीय दिलीप को हिरासत में लिया था। शनिवार सुबह उसकी तबीयत बिगड़ गई तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। रविवार को हालत और गंभीर होने पर उदयपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिजनों का आरोप- पुलिस की पिटाई से गई जान

मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कस्टडी में पुलिस ने दिलीप के साथ मारपीट की, जिसके चलते उसकी जान गई। रविवार को भी परिजनों ने जिला अस्पताल परिसर और थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था और कार्रवाई की मांग की थी। जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा।

सड़क पर बवाल और तोड़फोड़

ग्रामीणों ने दोवड़ा थाने के बाहर धरना देकर रास्ता जाम कर दिया। इस दौरान सराड़ा डीएसपी चांदमल सिंगारिया का वाहन भीड़ में फंस गया। गुस्साई भीड़ ने गाड़ी को घेरकर पत्थर मारे और मुक्के बरसाए, जिससे शीशा टूट गया। हालांकि, भीड़ में से कुछ लोगों ने उग्र युवाओं को रोककर डीएसपी की गाड़ी को बाहर निकाला। थाने के बाहर लगातार नारेबाजी होती रही और पूरे पुलिस स्टाफ को हटाने की मांग उठी।

कलेक्ट्रेट के बाह धरने पर आसपुर विधायक

पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शाम तक परिजन और ग्रामीण जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट पहुंच गए। यहां आसपुर विधायक उमेश मीणा उनके साथ धरने पर बैठ गए। विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस बार-बार आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है और कस्टडी में मौतें हो रही हैं।

प्रशासन का रुख

एसपी मनीष कुमार ने कहा कि डीएसपी की गाड़ी तोड़फोड़ में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि कस्टडी में मारपीट की पुष्टि हुई तो दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, कलेक्ट्रेट में जारी बैठक में प्रशासन और समाज के बीच सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है।

हालात अब भी तनावपूर्ण

मौत की पुष्टि के बाद से माहौल बेहद तनावपूर्ण है। आदिवासी समाज न्याय की मांग पर अड़ा हुआ है, जबकि प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार वार्ता कर रहा है।