
तीन करोड़ के कॉम्प्लेक्स में पहली ही बारिश में आई दरार तो ठेकेदार ने लगा दिया चूना
दुर्ग. नगर निगम में एक और घटिया निर्माण का खुलासा हुआ है। गड़बड़ी का आलम यह है कि 3 करोड़ से बनाए जा रहे कॉम्पलेक्स की दीवारें निर्माण पूरा होने से पहले ही दरकनी शुरू हो गई हैं। इससे पहली बारिश में ही सीपेज आना शुरू हो गया है। खास बात यह है कि गड़बड़ी का खुलासा होते ही ठेकेदार ने रातो-रात दीवारों की पुताई का दी। मामला गंजपारा में निर्माणाधीन कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स का है। नगर निगम यहां तीन करोड़ की लागत से दो मंजिला कॉम्पलेक्स बनवा रहा है। कॉम्पलेक्स में भूतल और प्रथम तल पर 38 -38 दुकानें बनाई जा रही हैं। कॉम्पलेक्स का 80 फीसदी निर्माण पूरा हो गया है। प्रथम तल की ढलाई के साथ प्लास्टर हो गया है। अंतिम दौर में टाइल्स का काम चल रहा है, लेकिन फस्र्ट फ्लोर की अधिकतर दुकानों में अभी से दरारें दिखनी शुरू हो गई हैं।
सबसे महंगा कॉम्पलेक्स और गुणवत्ता का यह हाल
निगम द्वारा जल्द निर्माणपूरा होने की उम्मीद में ग्राउंड फ्लोर की 38 दुकानों के लिए टेंडर भी बुलवा लिया गया है। इसमें दुकानों की कीमत 18 से 48 लाख तक रखी गई है। वहीं 18 हजार रुपए तक किराया तय किया गया है। इस लिहाज से यह शहर के सबसे महंगा कॉमशर््ियल कॉम्पलेक्स है।
मनमानी ऐसी कि मांगनी पड़ी आरटीआई में जानकारी
मामले में अफसरों की मनमानी एेसी रही कि निगम सभापति को भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके चलते अब निगम सभापति ने सूचना के अधिकार के तहत कॉम्पलेक्स से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।
हाल यह कि बुलावे के बाद भी नहीं आए इंजीनियर
सभापति ने दरारों और सीपेंज को दिखाने तत्काल इंजीनियर रहंगडाले को दस्तावेज के साथ तलब किया, लेकिन इंजीनियर ने चुनाव में डूयटी का हवाला देकर मामले को टाल दिया। दूसरे दिन तक ठेकेदार ने दीवारों की पुताई करा दी।
कॉम्प्लेक्स में पहले ही 12 साल विलंब
गंजपारा कॉम्पलेक्स का निर्माण करीब 12 साल पहले तत्कालीन महापौर सरोज पांडेय के कार्यकाल में शुरू किया गया था, लेकिन ठेकेदारों की अरूचि के कारण काम अटका रहा। अब काम शुरू हुआ तो गड़बड़ी बाधक बन रही है।
अफसर कर रहे घालमेल
इस संबंध में निगम सभापति राजकुमार नारायणी का कहना है कि निगम के निर्माणों में अफसर भारी घालमेल कर रहे हैं। दूसरी ओर सत्ताधारी इन पर पर्दा डालने में लगे हैं। कॉम्पलेक्स की हालत यह है कि अभी से अधिकतर दुकानों में दरार आ गई है। इसकी जांच करके तत्काल ठेकेदार और अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए।
Published on:
08 Jul 2018 12:54 am
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