Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

PDS Rice Black marketing: पीडीएस के चावल की कालाबाजारी रोकने में प्रशासन फेल, रोजाना हो रही 100 टन की हेराफेरी…

PDS Rice Black marketing: पीडीएस के चावल की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है, जिस पर नियंत्रण करने को लेकर प्रशासन लगातार फेल हो रही है। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि रोजाना 100 टन की हेराफेरी की जा रही है।

3 min read
Google source verification
PDS Rice Black marketing

PDS Rice Black Marketing: प्रदेश में कोई गरीब भूखा न सोए। इसे लेकर राज्य सरकार उन्हें मुफ्त में चावल उपलब्ध करा रही है, लेकिन लचर व्यवस्था की वजह से इन गरीबों के हक में डाका डाला जा रहा है। चावल तस्करी के काले कारनामें में शामिल जिम्मेदार अधिकारी शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगा रहे हैं। गाहेबगाहे लोग जब शिकायत करते है तब थानेदार दूसरे विभाग का मामला बताकर हाथ खड़े कर देते हैं।

PDS Rice Black Marketing: अधिकारी तस्करों पर ठोस कार्रवाई

वहीं खाद्य विभाग के अधिकारी तस्करों पर ठोस कार्रवाई करने से कतराते हैं। मंगलवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पीडीएस चावल के संदेह में ऑटो सीजी 07 सीएस- 4398 को वैशालीनगर थाना के पास रोक लिया। चालक से पूछताछ की। उसने बताया कि गाड़ी सूरज गुप्ता की है, जिसमें भरा पीडीएस चावल भी उसी का है। गायत्री मिल में खाली करने बोला है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने गाड़ी को थाना में खड़ी करवा दिया। पुलिस ने मामले की सूचना पर खाद्य विभाग को दी।

खाद्य निरीक्षक चंद्रकांत बघेल थाना पहुंचे। 22 कट्टा चावल की गिनती की। चावल में फोर्टिफाइड मिक्स था। सैंपल लिया और कार्रवाई का आश्वासन देकर चले गए। पूर्व में भी सूरज गुप्ता का चावल एक किराए के मकान में पकड़ाया था। खाद्य विभाग की जांच में पीडीएस चावल की पुष्टि भी हुई। खाद्य विभाग ने कलेक्टर के पास फाइल बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

पीडीएस के चावल की कालाबाजारी

PDS Rice Black Marketing: इधर गायत्री मिल के संचालक लिकाश मित्तल का कहना है कि मेरे मिल में उसना चावल बनाता है। मैं कोचियों से चावल नहीं लेता। चालक बोल रहा है तो उसके लिए मैं कुछ नहीं कह सकता है। एक दलाल ने बिना नाम छापने की शर्त पर बताया कि रोज 100 टन पीडीएस चावल की कालाबाजारी की जा रही है। प्रति क्विंटल 27 रुपए में मिलर को कोचिए बेच रहे है। यानी 2 करोड़ 70 लाख रुपए की रोज शासन को चपत लगाई जा रही है।

इन थाना क्षेत्रों में चावल की काला बाजारी

सूत्रों के मुताबिक खुर्सीपार, भिलाई-तीन, छावनी, जामुल, वैशाली नगर, सुपेला, टाउनशिप एरिया में भट्ठी, भिलाई नगर, नेवई, दुर्ग, मोहन नगर पद्मनाभपुर, नेवई और उतई थाना क्षेत्रों में पीडीएस चावल की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। यहां तीन दर्जन से अधिक कोचिए सक्रिय हैं। इसी तरह दुर्ग भिलाई को मिलाकर एक दर्जन से अधिक दलाल भी सक्रिय हैं। जिसके माध्यम से दुकानों में पहुंचने से पहले चावल की हेराफेरी करते की जाती है।

यह भी पढ़ें: बड़ा घोटाला : PDS दुकानों से राशन गायब, दुकान संचालकों पर दर्ज होगा केस

लगातार की जा रही कार्रवाई

खाद्य विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। जो मामले संज्ञान में आ रहा है, उस पर कार्रवाई की जा रही है। वैशाली नगर थाना में पकड़ाए सूरज साव के चावल का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। पूर्व में भी पकड़ाया था तो चावल को राजसात किया गया था। जांच में पुष्टि होने पर एफआईआर दर्ज करेंगे।

जिले में सक्रिय कोचिये

PDS Rice Black Marketing: एक चावल व्यापारी ने बताया कि सुपेला भिलाई में बागेश्वर, श्रीपाल , काके, वैशाली नगर क्षेत्र में सूरज, हर्रा, छावनी निक्की , संजय , शुभम , डब्लू, काला चंदन, खुर्सीपार त्रिवेदी, प्रदीप, शिव शर्मा, दिलीप साव, टाउनशिप में शुभम, दुर्ग अजय , अक्षय आदि प्रमुख कोचिए बताए जाता हेैं। सभी कई बार थानों में पकड़ाए है। इनके दलाल नीरज अग्रवाल और ज्ञानू जैन के माध्यम से राइसमिल तक पहुंचते है।

जानिए… कालाबाजारी का पूरा खेल

चावल कोचिए दलाल के माध्यम से राइस मिल तक पीडीएस चावल को खपाते हैं। वे उचित मूल्य की दुकान से सीधे खरीदते हैं। उसी चावल को मिलर तक पहुंचाते है। मिलर उसी चावल को फिर कस्टम मिलिंग के नाम पर नाना में जमा करा देते है।

सरगना की खाद्य विभाग में दखलंदाजी

बताते हैं कि खुर्सीपार में बैठे कोचिए की खाद्य विभाग में अच्छी पकड़ है। राशन की कमी होने पर उस दुकान संचालक को समय दिलाना, पकड़े जाने पर किस कोचियों पर एफआईआर दर्ज कराना है या मामले को रफादफा कराना है यह सब वहीं मैनेज करता है।

मिल के सीसीटीवी कैमरे की जांच की मांग

बीजेपी कार्यकताओं ने मांग की है कि सूरज गुप्ता चावल को गायत्री मिल में ले जा रहा था। प्रशासन मिल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कराए। गायत्री मिल ही नहीं जेवरा सिरसा में जितनी राइसमिल हैं, सभी की जांच होनी चाहिए। आखिर चावल से भरी कोचियों की गाड़ी किस मिल में जा रही है, इसकी सच्चाई सामने आ जाएगी।