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मदरसे से भागे झारखंड के चार नाबालिग बच्चे, RPF ने पकड़ा तो बताया हैरान करने वाला सच

रेलवे स्टेशन (Durg Railway school) में 13 बच्चों को रेस्क्यू कर पकडऩे के बाद मंगलवार को आरपीएफ (RPF) ने चार बच्चों को फिर पकड़ा। चारों नाबालिग झारखंड के है और वे मदरसे (Madarsa) से भाग कर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। (Durg News)

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दुर्ग

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Dakshi Sahu

Jul 03, 2019

children

मदरसे से भागे झारखंड के चार नाबालिग बच्चे, RPF ने पकड़ा तो बताया हैरान करने वाला सच

दुर्ग. रेलवे स्टेशन में 13 बच्चों को रेस्क्यू कर पकडऩे के बाद मंगलवार को आरपीएफ (RPF) ने चार बच्चों को फिर पकड़ा। चारों नाबालिग झारखंड के है और वे खैरागढ़ मदरसे (Madarsa) से भाग कर रेलवे स्टेशन (Durg Railway station) पहुंचे थे। चारों को सीडब्ल्यूसी (CWC) में प्रस्तुत करने के बाद आश्रय गृह में रखा गया है। (Durg news)

स्टेशन में आरपीएफ (RPF) ने पकड़ा
सीडब्ल्यूसी (CWC) में हुई पूछताछ में बच्चों ने बताया कि चार दिन पहले ही उन्हें मदरसा में छह माह के लिए दाखिल कराया गया है, लेकिन वहां रहना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा। वे अपने गृह ग्राम वापस जाना चाहते हैं। उन्हें रास्ता नहीं मालूम होने के कारण भटक गए और ट्रेन के बारे में जानकारी लेते समय उन्हें आरपीएफ ने पकड़ लिया। सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर बच्चों को आश्रय गृह में रखा गया है। (Durg news)

पुराने बच्चों का मंगाया जा रहा सामाजिक रिपोर्ट
शनिवार को हटिया कुर्ला एक्सप्रेस में पूर्णिया बिहार से नागपुर की ओर जा रहे 13 बच्चों को आरपीएफ ने पकड़ा है। चार दिन बीतने के बाद परिजन सीडब्ल्यूसी के सामने उपस्थित नहीं हुए। इसे देखते हुए सीडब्ल्यूसी ने बिहार के पूर्णिया सीडब्ल्यूसी को पत्र लिखकर बच्चों की जानकारी देते हुए सामाजिक रिपोर्ट मांगी है।

घर से भागे दो बच्चों को परिजनों को सौंपा
पटरीपार क्षेत्र के दो बच्चे घर से खफा होकर रायपुर पहुंच गए थे। रेलवे अधिकारियों की नजर पड़ते ही दोनों बच्चों के मिलने की सूचना आरपीएफ को दी। स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को परिजनों की तलाश की और घटना की जानकारी दी। रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बच्चों को वापस दुर्ग लाया और परिजन का बयान दर्जकर बच्चों को सौंपा गया। दोनो बच्चे स्कूल ड्रेस में थे।

सदस्य सीडब्ल्यूसी निवेदिता जोशी ने बताया कि जेजे एक्ट के मुताबिक हम बच्चों को सीधे परिजनों को नहीं सौंप सकते। परिजन का बयान जरूरी है ताकि मामले की तह तक पहुंच सके। अभी हमारे पास 17 नाबालिग हैं। सामाजिक रिपोर्ट आने पर सभी बच्चों को संबंधित सीडब्ल्यूसी को सौंपा जाएगा। फिर बच्चों को परिजन की सौपने की कार्रवाही वे ही करेंगे। (Durg news)

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