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नामांकन दाखिल करने से पहले अरुण जेटली ने राहुल गांधी की संपत्ति पर उठाए सवाल

Published: Apr 04, 2019 11:38:40 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

अरुण ने राहुल और गांधी फैमिली पर उठाए गंभीर सवाल
कहा, सालों से नहीं किया कोई व्यापार तो कहां से आई प्रॉपर्टी
अपने फॉर्म हाउस को किराए पर देकर गलत तरीके से की कमाई

arun jaitley

नामांकन दाखिल करने से पहले अरुण जेटली ने राहुल गांधी की संपत्ति पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। राहुल गांधी कुछ देर में वायनाड में नामांकन दाखिल करने वाले हैं। उससे पहले देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी की संपत्ति पर सवाल उठा दिए हैं। जेटली ने राहुल पर अवैध तरीके से करोड़ों रुपयों की संपत्ति बनाने का आरोप लगाया है। जेटली ने कहा है कि नेहरू गांधर परिवार ने पीढिय़ों से कोई व्यापार नहीं किया है। उसके बाद भी उनकी संपत्ति में कैसे इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि किस तरह से यूपीए सरकार के दौरान उन्होंने कंपनियों को अपने पुश्तैनी फॉर्महाउस किराए पर देकर करोड़ों रुपए बनाए हैं। साथ ही रियल एस्टेट कंपनी से भी सुनिश्चित रिटर्न के रूप में निवेश की अधिकांश रकम वापस ले ली गई। जेटली ने संकेत दिया कि संबंधित एजेंसियां इस मामले की जांच कर सकती हैं।

अरुण जेटली के राहुल पर आरोप
अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपना पुश्तैनी फार्महाउस कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज के नाम पर घोटाला करने वाले जिग्नेश शाह को दिया। जिसके बदले में 16 हजार निवेशकों के 5,800 करोड़ रुपए के घोटालेबाज के खिलाफ संप्रग सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं होने दी। जेटली ने सवाल उठाए कि जिग्नेश शाह न तो दिल्ली में रहता है और न दिल्ली में उसका कोई कारोबार है, उसने करोड़ों रुपये के किराए पर फार्महाउस क्यों लिया और फिर घोटाले में फंसी उसकी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जेटली ने बताया कि 2014 में उनकी सरकार आने के बाद कार्रवाई हुई है। मुंबई हाई कोर्ट सरकार जीती है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

10 सालों में कई कंपनियों को दिए किराए पर फॉर्महाउस
जेटली ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2004 से 2014 के बीच दस सालों में राहुल गांधी के फार्महाउस को कई कंपनियों को किराये पर दिया गया। किराए के रूप में जमा किए गए करोड़ों रुपयों को बाद में रियल एस्टेट में लगा दिया गया। इनमें से एक 2जी घोटाले के आरोपित संजय चंद्रा की कंपनी यूनिटेक है। जहां यूनिटेक में करोड़ों निवेशकों का पैसा डूब गया, वहीं राहुल गांधी और संजय चंद्रा के बीच हुए लिखित समझौते के तहत निवेश की अधिकांश राशि सुनिश्चित रिटर्न के तहत राहुल गांधी के पास वापस आ गई। वहीं मोदी सरकार के दौरान संजय चंद्रा पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है।

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