18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Coronavirus Lockdown: जरूरी सामान पर लोगों की जेब हुई ज्यादा ढीली, जानिए कितने ज्यादा चुकाने पड़े दाम

लोकल सर्कल्स की ओर से किया गया सर्वे, एमआरपी से ज्यादा पर बिके सामान 72 फीसदी उपभोक्ताओं ने किराने के सामान के लिए अधिक भुगतान किया

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Jun 04, 2020

Kirana Shops

Coronavirus Lockdown: 72 percent consumers pay more for groceries

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के दौरान काफी उपभोक्ताओं को कई आवश्यक सामान और किराना प्रोडक्ट्स ( Kirana Products ) के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ा, क्योंकि व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं ( Businessmen And Retailers ) ने छूट कम कर दी और साथ ही वस्तुएं उनके एमआरपी से अधिक दाम पर बेची गई। यह बात लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आई है। सर्वे में भारत के 210 जिलों से 16,500 से अधिक उपभोक्ताओं को शामिल किया गया था, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान और बाद में उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई जरूरी वस्तुओं को लेकर उनके अनुभवों को साझा किया।

PM Cares Fund पर Nagpur High Court में याचिका मंजूर, केंद्र से 2 हफ्तों में मांगा जवाब

चुकानी पड़ी ज्यादा कीमत
सर्वे के अनुसार कई उपभोक्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन 1.0 से 4.0 के दौरान, उन्होंने बंद से पहले की तुलना में कई आवश्यक और किराना प्रोडक्ट्स के लिए अधिक भुगतान किया। इसका कारण कंपनी द्वारा कीमतों में वृद्धि करना नहीं रहा, बल्कि व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं ने छूट कम कर दी और कुछ उपभोक्ताओं को एमआरपी से अधिक दाम पर भी सामान बेचा गया। सर्वे में यह सामने आया कि 72 फीसदी उपभोक्ताओं ने लॉकडाउन 1.0 से लेकर 4.0 के दौरान पैकेज्ड फूड और किराने के सामान के लिए अधिक भुगतान किया। वस्तुओं पर मिली कम छूट और एमआरपी से अधिक दाम वसूलना इसके प्रमुख कारण रहे।

Covid-19 Crisis : Students को समय से पहले Graduate करेगा IIT

पैकेज्ड फूड पर ज्यादा चुकाए दाम
सर्वे में सामने आया कि अनलॉक 1.0 के माध्यम से बंद में मिली कुछ राहत के बावजूद, 28 प्रतिशत उपभोक्ता अभी भी उनके दरवाजे पर ही पैकिंग का खाना और किराने का सामान ले रहे हैं। उपभोक्ताओं से पूछा गया कि 22 मार्च से पैकेट बंद खाद्य पदार्थ और किराने की वस्तुओं की खरीदारी को लेकर मूल्य के संबंध में उनके क्या अनुभव हैं। इस सवाल पर 25 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्होंने समान वस्तुओं के लिए राष्ट्रव्यापी बंद से पहले के दाम पर ही खरीदारी की है, जबकि 49 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने बंद से पहले की तुलना में उसी वस्तु का अधिक दाम चुकाना पड़ा, क्योंकि अब पहले की अपेक्षा छूट कम थी।

Gold And Silver Price : लगातार दूसरे दिन सस्ता हुआ सोना, चांदी में भी बड़ी गिरावट

एमआरपी से ज्यादा भुगदात
इसके अलावा 23 फीसदी लोगों ने कहा कि बंद से पहले की तुलना में समान वस्तुओं के लिए अधिक भुगतान करना पड़ा, क्योंकि उन्हें एमआरपी से कई गुना अधिक भुगतान करना पड़ा। बता दें कि ऑनलाइन या खुदरा स्टोर पर एमआरपी से अधिक दाम वसूलना कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम का उल्लंघन है।