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Coronavirus Lockdown: भारत को रोजाना 35 हजार करोड़ का नुकसान का अनुमान

रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने दी अपनी रिपोर्ट में जानकारी लॉकडाउन के 21 दिनों में जीडीपी को होगा 98 अरब डॉलर का नुकसान

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Saurabh Sharma

Apr 03, 2020

Coronavirus Lockdown: India is losing 35 thousand crores daily

Coronavirus Lockdown: India is losing 35 thousand crores daily

नई दिल्ली।कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को हर रोज करीब 4.64 अरब डॉलर यानी 35 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी देते हुए कहा कि लॉकडाउन के पूरे 21 दिनों के दौरान जीडीपी को 98 अरब डॉलर यानी 7.5 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। वास्तव में लॉकडाउन में लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध के साथ ही उड़ान, परिवहन व अन्य आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।

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इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा नुकसान
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के सीईओ शंकर चक्रवर्ती ने कहा, हमने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी अनुमानों का आकलन करने के लिए कई तरीके अपनाए हैं। हमारा मानना है कि जिस तरह कोविड-19 से पहले पांच फीसदी के विकास का अनुमान लगाया गया था, उससे तुलना करें तो इस बात में जोखिम है कि यह आकंड़ा पांच से छह फीसदी तक पहुंचे। इस तरह के लॉकडाउन के माहौल में सबसे गंभीर रूप से ट्रांसपोर्ट, होटल, रेस्त्रां और रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित हैं। एजेंसी के अनुसार इन क्षेत्रों में लगभग 50 फीसदी ग्रोस वैल्यू एडेड की हानि होगी। वहीं वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में ओवरऑल ग्रोस वैल्यू एडेड हानि लगभग 22 फीसदी होगी।

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इन सेक्टर्स में देखने को मिला उछाल
वहीं दूसरी ओर इस संकट के दौरान जिन सेक्टर्स में गतिविधियां बढ़ी हैं, उनमें कंयूनिकेशन सर्विस, ब्रोडकास्टिंग और हेल्थ सर्विस शामिल हैं। हालांकि इन सेक्टर्स का समग्र जीवीए में मात्र 3.5 फीसदी के साथ एक छोटा-सा योगदान है। लॉकडाउन का प्रभाव औद्योगिक गतिविधियों पर भी काफी गंभीर पड़ा है। दवा, गैस, बिजली और चिकित्सा उपकरणों को छोड़कर पहली तिमाही में अन्य उद्योग पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है। इनका जीवीए में लगभग पांच फीसदी हिस्सा है।

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जीडीपी में भी गिरावट
एक्यूट रेटिंग्स के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में पांच से छह फीसदी की गिरावट की आशंका है। दूसरी तिमाही में अगर वृद्धि होगी भी तो बहुत कम होगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर दो से तीन फीसदी ही रहेगी। यह स्थिति इस आधार पर है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक पुनरुद्धार तेजी से होगा।