scriptCoronavirus की वजह से भारत में नहीं आएगी आर्थिक मंदी, ग्लोबल इकोनॉमी को होगा बड़ा नुकसान | Coronavirus UN said Except india or china world economy in recession | Patrika News

Coronavirus की वजह से भारत में नहीं आएगी आर्थिक मंदी, ग्लोबल इकोनॉमी को होगा बड़ा नुकसान

Published: Apr 01, 2020 09:04:54 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

संयुक्त राष्ट्र की यूएनसीटीएडी की रिपोर्ट में चीन और भारत की इकोनॉमी को बड़ी राहत
रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों को 2.5 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की जरूरत

indian-economy.jpg

नई दिल्ली। दुनियाभर की तमाम एजेंसियों ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को काफी कम कर दिया है। सब ग्लोबल इकोनॉमी के महामंदी में जाने की बात भी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की चीफ ने भी दुनिया के महामंदी में जाने की बात कही थी। अब यूनाइटिड नेशंस की यूनाइटिड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट से भी इस बात के संकेत मिल चुके हैं। वहीं भारत के बारे में यूएन की राय कुछ अलग है। यूएन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से भारत मंदी की चपेट से दूर रह सकता है। रिपोर्ट में चीन का भी नाम शामिल किया गया है। आइए आपको भी बताते हैं आखिर रिपोर्ट में किस तरह की बात की गई है। वैसे रिपोर्ट में इस बात कर जिक्र नहीं किया गया है कि भारत और चीन इस महामंदी से कैसे बचे रह सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः- Gaints Shares के दम शेयर बाजार झूमा, सेंसेक्स 1000 अंकों की बढ़त के साथ बंद, निफ्टी 8600 अंकों के करीब

विकासशील देशों को जरुरत है 2.5 लाख करोड़ रुपए की जरुरत
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर काफी फर्क पड़ा है। पूरी दुनिया दो तिहाई आबादी इन्हीं विकासशील देशों में रहती हैै। ऐसे देशों को उबारने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की जरूरत है। वैसे कई विकसित देशों, आईएमएफ और वल्र्ड बैंक की ओर से राहत पैकेज देने की बात कही है। लेकिन मौजूदा समय में दुनिया की आर्थिक महाशक्तियां भी कोरोना वायरस की चपेट में है। जिसका असर उन विकसित देशों की इकोनॉमी में भी देखने को मिल रहा है।

यह भी पढ़ेंः- Coronavirus Lockdown: Vijay Mallya रुपया देने काे तैयार, ठप हो चुका है पूरा काम

विकासशील देशों में विदेशी निवेश होगा कम
यूनाइटिड नेशंस कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों की इकोनॉमी में कोरोना वायरस का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार जो विकासशील देश कमोडिटी का निर्यात करते हैं वहां विदेशी निवेश अगले दो साल में 2 लाख करोड़ डॉलर से 3 लाख करोड़ डॉलर तक कम होने की संभावना है। हाल ही में यूएनसीटीएडी ने अपने बयान में कहा था कि आर्थिक महाशक्तियां और चीन अपने अपने लोगों को राहत देने और इकोनॉमी को पटरी में लाने के लिए राहत पैकेज दे रहे हैं, जो 5 लाख करोड़ रुपए तक हो सकते हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो