ये हैं दो बड़े कारण
इन दोनों फैक्टर में पहला है सीजीएसटी आैर दूसरा र्इंधन पर की गर्इ टैक्स कटौती। इकरा के ग्रुप हेड जयंता राॅय ने कहा, “वित्त वर्ष 2019 में अप्रैल से लेकर नवंबर माह के दौरान कुल सीजीएसटी कलेक्शन लक्ष्य का आधा रहा है। सरकार ने 6 खरब रुपए का लक्ष्य रखा था।” उन्होंने आगे कहा कि अभी तक, इससे कुल टैक्स राजस्व में का बजट भी पूरा नहीं हो पाएगा।
हो सकता है 105 अरब का नुकसान
सीजीएसटी में कटौती से चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार को केंद्रीय कर विघटन (सीटीडी) लक्ष्य के लिए भी परेशनी खड़ी करेगा। बता दें कि केंद्र सरकार प्रत्यक्ष आैर अप्रत्यक्ष कर का कुछ हिस्सा राज्यों के सीटीडी में ट्रांसफर करती है। ये वित्तीय आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय होता है। इसके साथ पेट्रोल आैर डीजल पर 1.5 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी की कटौती सरकार की वित्तीय गणित का हिसाब से बिगाड़ सकती है। इससे सरकार को 105 अरब रुपए के नुकसान का अनुमान है।
एसबीआर्इ के रिपोर्ट में भी किया गया दावा
पिछले माह ही एसबीआर्इ की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार के टैक्स रेवेन्यू में कमी आ सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी आैर पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती से चालू वित्त वर्ष में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 90 हजार करोड़ रुपए का घाटा लग सकता है।
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