आईएमएफ चीफ की ओर से कहा गया है कि इस महामंदी की वजह से दुनिया के सभी बाजार पूरी तरह से ठप हो गए हैं। जिसकी वजह से उन्हें दोबारा से शुरू करने के लिए 2.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 2500 अरब डॉलर की जरुरत होगी। अभी तक 80 से अधिक देशों की ओर से आर्थिक मदद की मांग आ चुकी है। मदद की जिस राशि का जिक्र किया गया है वो बेहद कम है।
आईएमएफ चीफ के अनुसार मौजूदा समय में दुनिया की अर्थव्यवसा गुजर रही है वो 2009 की मंदी से भी ज्यादा बुरी है और ज्यादा खराब होने की संभवनाओं की ओर बढ़ रही है। 2009 में आर्थिक मंदी का असर भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं पर ज्यादा नहीं पड़ा था। जिसकी वजह से दुनिया की इकोनॉमी के कुछ हिस्सों में राहत थी। मौजूदा समय में भारत समेत सभी देश इस महाममंदी की चपेट में आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर देश के लोगों खासकर गरीब तबके के लोगों के लिए सरकार की ओर 1.70 लाख करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया गया है। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को रिजर्व बैंक की ओर से मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों के लिए बड़े ऐलान किए हैं। जिसमें ईएमआई में तीन महीने की छूट, रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती आदि शामिल हैं।