script

IMF Chief का बड़ा बयान, 2009 की मंदी से भी ज्यादा भयानक है स्थिति

Published: Mar 28, 2020 10:08:24 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

चेयरमैन क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के अनुसार महामंदी की ओर ग्लोबल इकोनॉमी
बाजारों की वित्तीय जरूरतों के लिए करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता

imf_chief.jpeg

IMF Chief’s Said, situation is more terrible than recession of 2009

नई दिल्ली। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की प्रमुख किस्टलीना जॉर्जीवा की ओर से साफ कर दिया है पूरी दुनिया मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है। आने वाले दिनों में ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति 2009 की मंदी से बुरी होने वाली है। उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया कि इस मंदी के दौर में विकासशील देशों को काफी आर्थिक मदद की जरुरत होगी। आइए आपको भी बताते हैं आखिर उन्होंने दुनिया की इकोनॉमी और आने वाले चैलेंजेस के बारे में और क्या कहा…
यह भी पढ़ेंः- Coronavirus Lockdown: ITC ने बनाया 150 करोड़ का Covid Contingency Fund,, गरीबों की करेंगे मदद

2.5 ट्रिलियन डॉलर की होगी जरुरत
आईएमएफ चीफ की ओर से कहा गया है कि इस महामंदी की वजह से दुनिया के सभी बाजार पूरी तरह से ठप हो गए हैं। जिसकी वजह से उन्हें दोबारा से शुरू करने के लिए 2.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 2500 अरब डॉलर की जरुरत होगी। अभी तक 80 से अधिक देशों की ओर से आर्थिक मदद की मांग आ चुकी है। मदद की जिस राशि का जिक्र किया गया है वो बेहद कम है।
यह भी पढ़ेंः- Coronavirus Lockdown: SBI ने किया बड़ा ऐलान, 1 अप्रैल से कम होंगी सभी ब्याज दर

2009 से भी बुरी स्थिति
आईएमएफ चीफ के अनुसार मौजूदा समय में दुनिया की अर्थव्यवसा गुजर रही है वो 2009 की मंदी से भी ज्यादा बुरी है और ज्यादा खराब होने की संभवनाओं की ओर बढ़ रही है। 2009 में आर्थिक मंदी का असर भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं पर ज्यादा नहीं पड़ा था। जिसकी वजह से दुनिया की इकोनॉमी के कुछ हिस्सों में राहत थी। मौजूदा समय में भारत समेत सभी देश इस महाममंदी की चपेट में आ रहे हैं।
सरकार की ओर से स्पेशल पैकेज का ऐलान
वहीं दूसरी ओर देश के लोगों खासकर गरीब तबके के लोगों के लिए सरकार की ओर 1.70 लाख करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया गया है। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को रिजर्व बैंक की ओर से मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों के लिए बड़े ऐलान किए हैं। जिसमें ईएमआई में तीन महीने की छूट, रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती आदि शामिल हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो