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अगले तीन साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत: CEA

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अगर GDP लगभग 8% की दर से बढ़ती रही, तो भारत के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना संभव है।

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Mahima Pandey

Feb 02, 2022

India may become USD 5 trillion economy by 2025-26: CEA

India may become USD 5 trillion economy by 2025-26: CEA

मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि देश की जीडीपी अगले वित्त वर्ष में 8-8.5% रहेगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन का मानना है कि यदि देश की जीडीपी 8 फीसदी दर से बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं जब भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की बन जाएगी।



पीएम मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा,'तेजी से बदलती दुनिया में भारतीय रुपया स्थिर बना रहे ये इसपर निर्भर करता है कि विनिमय दर कैसे बढ़ता है। अगर हम जीडीपी को 8-9 प्रतिशत दर पर बनाए रखते हैं तो यह 8 प्रतिशत डॉलर जीडीपी वृद्धि में तब्दील हो जाएगा। भारत वित्त वर्ष 20 26 तक या अगले वर्ष जीडीपी में 8-9 प्रतिशत की निरंतर वृद्धि के साथ 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। डॉलर के संदर्भ में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले ही 3 ट्रिलियन अमरीकी डालर को पार कर चुका है।'



बता दें कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने की कल्पना व्यक्त की थी। इसके साथ ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि 2022-23 में 8-8.5 प्रतिशत जीडीपी रहने का अनुमान है। वहीं, जीडीपी ग्रोथ 2023-24 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।

जहां तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात है तो भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में भारत की जीडीपी विकास दर धीमी होकर 7.1% रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार और रिपोर्ट के प्रमुख लेखक Sanjeev Sanyal ने कहा था कि '2022-23 में भारत की जीडीपी के वास्तविक रूप में 8-8.5% बढ़ने का अनुमान है। हम अब भी दुनिया की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बने रहेंगे।'

हालांकि, इकनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति में अनिश्चितताओं का भी उल्लेख किया गया है।

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