
नई दिल्ली। मोदी सरकार 2.0 ने एक बार फिर सत्ता में रहते हुए 100 दिन का कर्यकाल पूरा कर लिया है। ऐसे में पीएम मोदी के कामों की समीक्षा होने लगी है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था के हालात काफी खराब हैं। मोदी 2.0 सरकार की शुरुआत ही मंदी के संकेतों के साथ हुई, जिसके कारण देश में इस समय आर्थिक मंदी बढ़ती ही जा रही है। चाहें ऑटोमोबाइल सेक्टर हो, रियल एस्टेट सेक्टर हो या फिर देश की जीडीपी सभी के हालात काफी खराब हो गए हैं।
आपको बता दें कि एक तरफ तो पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने को लेकर तमाम दावे कर रहे हैं और दूसरी तरफ देश की जीडीपी की रफ्तार धीमी पड़ती हुई दिखाई दे रही है। आर्थिक मोर्चे पर सरकार विपक्ष के साथ-साथ अर्थशास्त्रियों के भी निशाने पर है। आइए आपको बताते हैं कि अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मोर्चे पर कैसे रहे मोदी सरकार के 100 दिन-
1.देश में आर्थिक मंदी की आहट
इस समय देश आर्थिक मंदी की समस्या से जूझ रहा है। देश की जीडीपी का 5 फीसदी पर पहुंच जाना देश के लिए बड़ा खतरा है। अगर देश के हालात इसी तरह रहते हैं तो देश में स्लोडाउन की स्थिति और तेजी से बढ़ सकती है। इसके साथ ही यह सरकार के अगले 5 साल के लिए एक खतरे की घंटी है। देश में बढ़ती मंदी के कारण शेयर बाजार के हालात भी काफी खराब हो गए हैं। इसके साथ ही सोने पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। फिलहाल पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में काफी तेजी देखने को मिली है।
2. बेरोजगारी का संकट
आर्थिक मंदी की आहट के चलते इस वक्त मोदी सरकार के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती देश में बढ़ती बेरोजगारी हैं। मंदी के कारण देश में कई कंपनियां बंद हो रही हैं, जिसका सीधा असर बेरोजगारी पर देखने को मिल रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि दर पिछले साल के मुकालबे 12 फीसदी से घटकर मात्र 0.6 फीसदी रह गई है और इस क्षेत्र में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरियां चली गई हैं। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार को देश में बेरोजगारी के संकट को कम करने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।
3. रियल एस्टेट सेक्टर की बिगड़ी स्थिति
देश में रियल एस्टेट सेक्टर के हालात भी इस समय काफी खराब हैं। मार्च 2019 तक भारत के 30 बड़े शहरों में 12 लाख 80 हज़ार मकान बनकर तैयार हैं, लेकिन उनके खरीदार नहीं मिल रहे। इसके साथ ही आम्रपाली और जेपी जैसे ग्रुपों में देश के लाखों लोगों का पैसा फंसा हुआ है।
4. 5 फीसदी पर पहुंची जीडीपी
मोदी सरकार ने हाल ही में तिमाही आधार पर जीडीपी के आंकड़ें पेश किए थे। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी थी। वहीं चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी दर लुढ़ककर 5 फीसदी पर आ गई है।
5 ऑटो सेक्टर में भी आई मंदी
देश में बढ़ती आर्थिक सुस्ती के कारण ऑटो इंडस्ट्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। देश मे मारुति जैसी बड़ी कंपनियों की बिक्री में भी काफी गिरावट देखी गई है। इसके साथ ही देश के हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। अगस्त में कारों की बिक्री में 29 फीसदी की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही इस समय देश की लगभग 10 लाख नौकरियां खतरे में हैं।
Updated on:
06 Sept 2019 12:32 pm
Published on:
06 Sept 2019 12:25 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
