योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन
इस योजना का उद्देश्य 15,000 रुपए तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन उपलब्ध कराना है। गोयल ने कहा कि इस योजना से अगले पांच साल में 10 करोड़ कामगारों के योजना से जुड़ने की उम्मीद है। इसके लिए अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने बजट में कहा था कि योजना को चालू वित्त वर्ष से ही लागू कर दिया जायेगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन से लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम 3,000 रुपए की मासिक पेंशन दी जाएगी।
जमा करनी होगी मासिक राशि
इस योजना के तहत योजना से जुड़ने वाले कामगारों को बहुत ही छोटी राशि हर महीने पेंशन योजना में जमा करनी होगी। इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी। योजना के साथ 18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 55 रुपए मासिक राशि जमा करनी होगी। अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जाएगा। योजना से 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपए मासिक अंशदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपए प्रति माह का अंशदान करना होगा। योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने तक अंशदान करना होगा।
इन लोगों को मिलेगा फायदा
यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी। साथ ही श्रमिक के पास आधार संख्या और बचत खाता भी होना चाहिए। यह योजना असंगठित क्षेत्र कामगार सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 के तहत लाई गई है। योजना को चलाने के लिए केन्द्र सरकार एक पेंशन कोष स्थापित करेगी। योजना में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई कामगार नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी।
(ये कॉपी भाषा से ली गई है।)
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