NPA बढ़ना तय लेकिन सुरक्षित रहेगा भारतीय बैंकिंग सेक्टर, Financial Stability Report में RBI का दावा
- Financial Stability Report में RBI ने किया NPA बढ़ने का दावा
- मार्च से लॉकडाउन में है देश
- कोरोना ने बुरी तरह से डाला अर्थव्यवस्था पर असर

नई दिल्ली: reserve bank of india ने Financial Stability Report ( FSR )
पेश कर दी है। rbi का अनुमान है कि मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए 8.5 फ़ीसदी से बढ़कर 12.5 फ़ीसदी तक हो सकता है ।लेकिन रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही दावा किया है कि एनपीए ( NPA ) बढ़ने के बावजूद भारतीय बैंकिंग सिस्टम सेफ रहेगा आरबीआई की फिनायल स्टेबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रॉस एनपीए बहुत ज्यादा बढ़ कर 14.7 सीसी तक जा सकता है इससे ज्यादा एनपीए किसी भी हालत में नहीं बढ़ेगा बल्कि बेहतर कैपिटल आई देशों के कारण बैंकिंग सिस्टम खुद को संभाल लेगा ।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ( Reserve Bank governor Shaktikant Das ) ने कहा है कि कोरोनावायरस का असर बेहद भयानक है ऐसी अनिश्चितता पहले कभी नहीं देखी गई इस महामारी ने भारत को ऐसे समय पर चोट पहुंचाई है जबकि देश स्लोडाउन से जूझ रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा कायम रखा है आरबीआई ने सभी रेगुलेटर्स के साथ मिलकर के यह आंकड़ा जारी किया है ।
आपको मालूम हो कि आरबीआई की इस रिपोर्ट में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन ( Financial Instituetion ) और बैंकिंग सेक्टर ( Banking Sector ) पर कोरोनावायरस ( Coronavirus impact ) के असर को समझने की कोशिश की गई है और अब तक जो असर पड़ा है उसके हिसाब से भविष्य के लिए अनुमान लगाए गए हैं हालांकि बैंकों की वित्तीय स्थिति के लिए मार्च तक का ही आंकड़ा लिया गया है और उसके बाद से देश भर में लॉकडाउन ( Lockdown ) शुरू हो गया है ।रिपोर्ट में आगे के आंकड़े अनुमान के आधार पर लिए गए हैं ।
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फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट की बात करें तो आरबीआई साल में दो बार ही रिपोर्ट पर अर्जेंट करता है और इस रिपोर्ट में आरबीआई एक बैंक से दूसरे बैंक के जुड़ाव ,और मौजूदा आर्थिक हालातों का विश्लेषण कर भविष्य के लिए अनुमान लगाता है ।
इस बार फिलहाल देखा गया है कि एक बैंक का दूसरे बैंक के साथ जुड़ाव कम हुआ है लेकिन बेहतर कैपिटलाईजेशन के कारण बैंकिंग सेक्टर में अभी भी मजबूत हालात में है ।
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