
नई दिल्ली। फाइनेंशियल और रिसर्च कंपनी जेपी मॉर्गन के बाद अब वर्ल्ड बैंक ने देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की आशंका जताई है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत में इस साल पेट्रोल-डीजल के दामों में 20 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इस साल एनर्जी सेक्टर से जुड़ी कमोडिटीज के दामों में 20 फीसदी बढ़ोत्तरी की संभावना है। इससे तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले के दामों में काफी तेजी आएगी। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि दामों में इस तेजी का सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ेगा। इसका कारण यह है कि भारत अपनी आवश्यकता का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक ने अक्टूबर 2017 में 4 फीसदी तेजी का अनुमान जताया था। यदि तब से इसकी तुलना की जाए को इस बार 16 गुना ज्यादा अनुमान जताया गया है।
क्रूड ऑयल और मेटल का ये रहेगा हाल
वर्ल्ड बैंक ने क्रूड ऑयल और मेटल को लेकर भी अनुमान जताया है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 और 2019 में क्रूड ऑयल की औसत कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहेगी। हालांकि, वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इस साल मांग के अनुसार सप्लाई में कमी हो सकती है। इस कारण अनुमान बढ़ाया गया है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि सीरिया संकट के कारण आने वाले दिनों में तेल सप्लाई की दिक्कतें हो सकती है। उधर वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में मेटल की कीमतों में 9 फीसदी की तेजी का अनुमान जताया गया है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल खाद्य कमोडिटी और कच्चे माल समेत कृषि कमोडिटी के दामों में भी 2 फीसदी की तेजी रहेगी।
2 साल में दोगुने हुए कच्चे तेल के दाम
आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक ने इस साल पहली तिमाही में भारत में तेल की खपत में 1.6 फीसदी बढ़ने की संभावना जताई थी। लेकिन समान अवधि में इसमें 11 फीसदी की बढ़त हुई है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार बीते साल में यानी 2016 से अब तक कच्चे तेल की कीमतों में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू साल की पहली तिमाही में कोयले की कीमतों में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि एक ओर कई यूरोपीय देश कोयले का इस्तेमाल बंद करने की योजना पर काम कर रहे हैं वहीं भारत में अगले एक दशक में कोयले की खपत उच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना है। हालांकि वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि आगामी दिनों में कोयले की खपत में कमी के चलते कोयले के दाम 2017 के मुकाबले कम रहेंगे।
Published on:
26 Apr 2018 02:11 pm
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