scriptमोदी सरकार में ONGC के आए बुरे दिन, 63 साल के निचले स्तर पर पहुंचा कैश रिजर्व | public sector company ongc cash reserve fall down reached his lower | Patrika News

मोदी सरकार में ONGC के आए बुरे दिन, 63 साल के निचले स्तर पर पहुंचा कैश रिजर्व

Published: May 04, 2019 09:56:48 am

Submitted by:

Shivani Sharma

सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन ( ONGC ) के आए बुरे दिन
कैश रिजर्व की समस्या से जूझ रही कंपनी
63 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब कंपनी का कैश रिजर्व इस स्तर पर पहुंचा है

ongc

ongc

नई दिल्ली। नोटबंदी और जीएसटी के जरिए देश के छोटे और मझोले उद्योग के लोगों को काफी नुकसान हुआ है। इस भारी नुकसान के बाद अब मोदी सरकार में देश की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन ( ONGC ) इन दिनों कम नकदी भंडार ( कैश रिजर्व ) के संकट से गुजर रही है। ONGC को भारत की नवरत्न कंपनी के रूप में माना जाता है। इस समय इस नवरत्न कंपनी के हालात यह है कि कर्मचारियों के वेतन भत्ते तक देने के लिए उसे कर्ज लेना पड़ रहा है।


कंपनी के फंड में आई कमी

आपको बता दें कि सितंबर 2018 में कंपनी के पास कुल 167 करोड़ रुपए का ही कैश रिजर्व था जबकि मार्च 2018 में यह रकम 1,013 करोड़ रुपए थी। पिछले कुछ महीनों में ओएनजीसी के कैश रिजर्व में कमी देखी जा रही थी। उसके बाद भी सरकार के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया और आज कंपनी के हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं। मार्च 2017 में ओएनजीसी की कैश रिजर्व 9,511 करोड़ था। जो सितंबर 2018 में 167 करोड़ रुपए रह गया।


ये भी पढ़ें: शनिवार को स्थिर रहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, जानिए अपने शहर के दाम


डेढ़ साल में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

पिछले डेढ़ साल में कंपनी के नकदी भंडार में 9,344 करोड़ रुपए की कमी आ गई और इस समय कंपनी के पास अपने कर्मचारियों का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं है। इस समय कंपनी अपने रिजर्व का प्रयोग लोन को भुगतान करने के लिए कर रही है।


विनिवेश नीतियों के कारण प्रभावित हुआ कैश रिजर्व

मोदी सरकार की विनिवेश नीति की वजह से भी इस नवरत्न कंपनी का कैश रिजर्व प्रभावित हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से अधिक लाभांश लेने, शेयरों की बाय बैक पॉलिसी के कारण ही कंपनी के रिजर्व में गिरावट आई है। देश का वित्तीय घाटा कम करने के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम में सरकार की सारी की सारी 51.11 फीसदी हिस्सेदारी 36,915 करोड़ में खरीदने पर भी जोर बनाया था। इसके अलावा कंपनी को 20,000 करोड़ रुपए का उधार भी लेना पड़ा था, जिसके कारण कंपनी के हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं।


ये भी पढ़ें: 16 महीनों में डूबे 3 लाख करोड़ रुपए, घरेलू शेयर बाजार में ऑटो सेक्टर का सबसे खराब प्रदर्शन


कंपनी के अधिकारी ने दी जानकारी

ओएनजीसी के पूर्व निदेशक आलोक कुमार बनर्जी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 63 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब कंपनी का कैश रिजर्व इस स्तर पर पहुंचा है। इससे पहले कभी भी कंपनी के हालात इस तरह के नहीं थे। उन्होंने इसे अलार्मिंग सिचुएशन कहा है।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो