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Yes Bank खाताधारकों का पैसा सुरक्षित, लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए RBI ने लिए ये फैसले

अमेरिका के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ के मेंबर्स ने भी कुछ इसी तरह के कदम उठाए हैं। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि rbi भी प्रेस कांफ्रेंस में इमरजेंसी रेट कट की घोषणा कर सकता है।

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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की प्रेस कांफ्रेंस कर रही है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यस बैंक और अर्थव्यवस्था को कोरोना के असर से बचाने को प्राथमिकता बताया । इसके साथ ही दास ने कहा कि जरूरत पड़ने पर rbi , yes bank को तरलता संबंधी मामलों में सपोर्ट करेगा।बैंक के निवेश को लेकर दिए गए इंस्ट्रक्शन की वजह से हमारा भरोसा बढ़ा है कि बैंक का रिवाइवल प्लान काम करेगा ।

रेट पर नहीं हुआ कोई ऐलान-

रेट कट के सवाल पर उन्होने कहा कि हम इकोनॉमी पर वायरस के असर का मूल्यांकन कर रहे हैं और उसी के हिसाब से कोई कदम उठाया जाएगा । दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के एक्शन के बाद कयास लगाया जा रहा था कि RBI भी ब्याज दरें कम कर सकती है। हालांकि उन्होने इस कांफ्रेंस में ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की लेकिन इसके साथ ही रेट कट की जरूरत को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया ।

दरअसल रविवार को US FED ने अपनी इकॉनोमी में लिक्विडिटी बढ़ाने के दरों में काफी बड़ी कटौती की थी। कोरोना के कहर को देखते हुए एजेंसी ने ऐसा एक महीने में दूसरी बार किया है। अमेरिका के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ के मेंबर्स ने भी कुछ इसी तरह के कदम उठाए हैं। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि rbi भी प्रेस कांफ्रेंस में इमरजेंसी रेट कट की घोषणा कर सकता है।

तरलता बढ़ाने के लिए बैंक प्रतिबद्ध-

बाजार में आई डॉलर की कमी को दूर करने के लिए RBI ने अगले 6 महीने के लिए डॉलर और रूपए के स्वैप स्कीम की घोषणा की है।और इसे आने वाली 23 मार्च से लागू किया जाएगा । इसके तहत RBI 6 महीने तक डॉलर और रूपए की खरीद-परोख्त करेगा । इसके साथ ही RBI पॉलिसी रेट के आधार पर 1 लाख करोड़ रुपए का LTRO (लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन) करेगा।

yes bank के बारे में बात करते हुए दास ने कहा कि बैंक का मोरेटेरियम के बुधवार को समाप्त हो जाएगा और अकाउंट होल्डर्स का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है । प्राइवेट बैंको की माली हालत पर बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को घबराने की जरूरत नहीं है । और प्राइवेट बैंक्स के सथ बिजनेस जारी रखना चाहिए ।

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बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेट कम करना जरूरी है और उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक 100 प्वांइट्स तक की कटौती कर सकता है। आरबीआई से मुद्रा बाजार को तरल बनाए रखने की उम्मीद की जा रही है, ताकि होलसेल फंडिंग करने वाले एनबीएफसी और बैंक खुद को फंड लगातार मिलते रहे हैं। अगर आरबीआई ऐसा करने में सफल होता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था वास्तव में बाकी मूलभूत झटकों को सहन करने में सक्षम होगी ।

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