क्या कहती है रिपोर्ट फेडपोल की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में स्विटजरलैंड में भारतीय रुपया नकली विदेशी करेंसी के मामले में तीसरे नंबर पर था। उस समय यूरो और डॉलर के बाद भारतीय रुपए के रूप में जाली विदेशी मुद्रा जब्त की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार 2016 में 500 और 1000 रुपए के सबसे ज्यादा जाली नोट पकड़े गए थे। नोटबंदी के बाद इन नोटों को भारत सरकार ने बंद कर दिया था। फेडपोल की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में 1 हजार रुपए के 1437 और 500 रुपए के पांच जाली नोट जब्त किए गए थे।
नहीं मिला 2000 रुपए का जाली नोट नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 1000 और 500 रुपए के नोटों को बंद कर दिया था। इसके बाद 2000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए थे। तब से लेकर अब तक स्विटजरलैंड में 2000 रुपए का कोई भी जाली नोट जब्त नहीं किय गया है। फेडपोल की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में जब्त किए गए जाली नोटों में 100 रुपए के दो नोट और 500 रुपए का एक नोट शामिल है। इससे साफ है कि नोटबंदी के बाद स्विटजरलैंड में कालाधन जमा करने वालों में गिरावट आई है।
कालाधन जमा करने वालों की पसंदीदा जगह है स्विटजरलैंड आपको बता दें कि स्विटजरलैंड दुनियाभर में कालाधन जमा करने वालों की पसंदीदा जगह के रूप में मशहूर है। यहां के बैंक अपने खाताधारकों की जानकारी किसी भी देश की सरकार के साथ साझा नहीं करते हैं। इसीलिए दुनियाभर के कारोबारी यहां की बैंकों को पसंद करते हैं। इसके अलावा स्विटजरलैंड को टैक्स हैवन देशों में भी गिना जाता है।