
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों विदेशों से आने वाली प्याज की आवक ( Onion arrival ) बढ़ी, तो उम्मीद जगने लगी कि आने वाले दिनों में आसमान छूते प्याज के दाम ( Onion Price ) में कमी देखने को मिल सकती है। तभी श्रीलंका और तुर्की ( Sri Lanka and Turkey ) से काफी बुरी खबरें आ रही हैं। दोनों ही देशों की ओर से भारत को प्याज के मामले में बड़ा झटका लगा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले और दो महीनों में प्याज की कीमतों में राहत मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है। हो यह भी सकता है कि प्याज के दाम में और भी तेजी देखने को मिल जाए। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर श्रीलंका और तुर्की की वजह से देश को प्याज के मामले में क्या और कितना बड़ा झटका लगा है।
श्रीलंका और तुर्की से प्याज आना बंद
पहले बात तुर्की की करें तो भारत द्वारा प्याज का आयात बढ़ाने से वहां पर कीमतों में इजाफा होने लगा है। अब तुर्की और दूसरे आसपास के इलाकों में प्याज की कमी होने लगी है। ऐसे में प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के तुर्की सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। करीब तीन दिन पहले हुए इस आदेश के बाद तुर्की से प्याज आना बंद हो गया है। वहीं श्रीलंका के मामले में पॉलिसी आड़े आ रही है। वास्तव में कुछ अप्रत्यक्ष व्यापार प्रतिबंधों के कारण श्रीलंका से आने वाले शिपमेंट्स में काफी कमी आ गई है। जिसका असर मंडियों और रिटेल बाजारों में मौजूद प्याज की कीमतों में बढ़ सकता है।
प्याज खुदरा दाम अभी भी 150 रुपए के पार
देश के अधिकतर राज्यों में प्याज का औसत थोक भाव में 70 रुपए से लेकर 75 रुपए प्रति किलो बना हुआ है। जबकि खुदरा बाजारों में अच्छी क्वालिटी की प्याज का अकाल है। अगर कहीं मिल भी रही हैं तो उनकी कीमत 170 रुपए से ज्यादा है। जबकि औसत प्याज के दाम 100 रुपए से 150 रुपए प्रति किलो के बीच हैं। ऐसे श्रीलंका और तुर्की के कदम से देश में प्याज के दाम और बढऩे की संभावना बढ़ गई है।
मिस्र और अफगानिस्तान से जारी है प्याज की आवक
वास्तव में श्रीलंका की ओर से श्रीलंका ने फाइटोसैनिटरी डॉक्युमेंट जारी करने को लेकर नियम ज्यादा कड़े कर दिए हैं। जिसकी वजह से प्याज की आवक कम हो गई है। वहीं तुर्की ने भी तीन दिन पहले प्याज का एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। वहीं दूसरी ओर मिस्र और अफगानिस्तान से मार्केट में प्याज की आवक जारी है। भारत वाघा बॉर्डर के जरिए अफगानिस्तान से प्याज इंपोर्ट कर रहा है, लेकिन सीमित हैंडलिंग क्षमता के चलते वाघा बार्डर के जरिए इसका इंपोर्ट भी लिमिट में ही है।
फरवरी तक सीमित रह सकती है आवक
जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में बाजारों में तुर्की, अफगानिस्तान और मिस्र की प्याज बहुतायात में है, लेकिन श्रीलंका और तुर्की से आवक बंद होने के बाद मुश्किलें बढ़ जाएगी। जिसका असर फरवरी तक जारी रह सकता है। मतलब साफ है कि अगर प्याज की आवक फरवरी तक सीमित रहने से दाम में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सब बाहर से आने वाले प्याज निर्भर करेगा।
अब घरेलू प्याज की फसल से उम्मीदें
बाजार और देश की आम जनता को प्याज की नई फसल से काफी उम्मीदें हैं। अब स्थानीय बाजार की प्याज ही कीमतों को कम कर सकती है। प्रमुख प्याज बाजारों में प्याज की खरीफ फसल की आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन यह अभी भी पिछले साल की इसी अवधि में मार्केट में आए प्याज का करीब 50 फीसदी है। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक प्याज कारोबारी ने बताया कि विदेशी प्याज के भरोसे पर ना रहकर सरकार को घरेलू स्तर पर प्याज का उत्पादन बढ़ाना होगा। घरेलू प्याज की आवक की कीमतों को कम कर सकती है। अभी घरेलू प्याज बाजार में आ रही है वो काफी सीमित दायरे में है।
Updated on:
26 Dec 2019 01:55 pm
Published on:
26 Dec 2019 01:54 pm
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