
फाइल फोटो ( Source: Facebook)
IPS Officer Mithun Kumar Success Story: अक्सर हमारे स्कूल और कॉलेज के दिनों में यह धारणा बनाई जाती है कि, एक बड़ा ऑफिसर बनने का सपना केवल होशियार, होनहार और क्लास की सबसे पहली बेंच पर बैठने वाले स्टूडेंट्स ही देख सकते हैं। लेकिन कर्नाटक के आईपीएस ऑफिसर ने इस स्टीरियोटाइप को गलत साबित कर दिया।
यह कहानी मिथुन कुमार की है, जो 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और कर्नाटक कैडर से आते हैं। मिथुन बताते हैं कि, वह स्कूल के दिनों से ही एक एवरेज स्टूडेंट और 'बैकबेंचर' थे। आखिरकार चार बार असफल होने के बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी (UPSC) एग्जाम में 130वीं रैंक हासिल की।
मीडिया संस्थान को दिए एक इंटरव्यू में, मिथुन ने बताया कि ग्रेजुएशन के तुरंत बाद ही घर के बड़े बेटे होने के नाते वे सॉफ्टवेयर सेक्टर में नौकरी करने लगे। लेकिन वो नौकरी से खुश नहीं थे और उन्हें हमेशा कुछ अधूरापन महसूस होता था। उनका दिल हमेशा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगा रहा। तीन साल काम करने के बाद, जब उनके छोटे भाई ने घर की जिम्मेदारी संभाली, तो मिथुन ने नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान यूपीएससी एग्जाम की तैयारी पर लगा दिया।
उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चार बार प्रयास किया, और हर बार उन्हें फेल्योर का सामना करना पड़ा। लेकिन मिथुन ने कभी हार नहीं मानी। आखिरकार, उनकी मेहनत सफल हुई। साल 2016 में, उन्होंने 130वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की और आईपीएस अधिकारी बने। कई लोगों ने उनसे पूछा कि वह प्रशासनिक सेवा (IAS) में क्यों नहीं गए, तो उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस अधिकारी बनने का जुनून था और वह हमेशा से ही पुलिस की वर्दी पहनना चाहते थे।
मिथुन कुमार का संघर्ष हमें सिखाता है कि असफलता हमारी मेहनत का अंत नहीं होती, बल्कि यह सीखने और आगे बढ़ने का एक बड़ा अवसर होती है। चाहे आप कक्षा की पिछली बेंच पर बैठते हों या आपको बार बार असफलता मिली हो, अगर आपका लक्ष्य साफ है और आप सही दिशा मेहनत में करते हैं, तो आप यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को भी पार कर सकते हैं। जीवन का हर संघर्ष आपको मजबूत बनाता है और अंततः आपको सफलता के शिखर तक पहुंचाता है।
Updated on:
13 Dec 2025 05:00 pm
Published on:
13 Dec 2025 04:56 pm
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