एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के लिए समय नहीं –
बोर्ड ने आगे कहा कि सेशन जल्दी शुरू करने से एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के लिए भी समय की कमी हो जाती है। इसके अलावा, यह जीवन कौशल, मूल्य शिक्षा, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा जैसी पाठ्येतर गतिविधियों के लिए बहुत कम या कोई समय नहीं छोड़ता है, जो शिक्षाविदों के समान ही महत्वपूर्ण है।
NEET और JEE एक्साम्स CUET के साथ मर्ज को लेकर क्या है UGC का पूरा प्लान, देखें यहां
शैक्षणिक सत्र की जल्दी शुरुआत छात्रों के लिए जोखिम पैदा करता है –
बोर्ड ने स्पष्ट किया कि शैक्षणिक सत्र जल्दी शुरू करने से छात्रों की थकान बढ़ती है। सीबीएसई ने आधिकारिक नोटिस में तर्क दिया की कम समय सीमा में पूरे साल के पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास उन छात्रों के लिए जोखिम पैदा करता है, जो र सीखने की गति को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें– अगर चाहिए बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर तो इस तरह लिखिए, जानें आंसर लिखने का सही तरीका