यों कम किया बस्ते का बोझ
शिक्षा विभाग ने पीरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। एक कक्षा में चार किताबें पढ़ाई जाती हैं। बच्चे रोजाना चारों किताबें लेकर स्कूल जाते हैं। सत्र की पहली तिमाही में 5-6 पाठ ही पढ़ाए जाते हैं। अगली तिमाही में अगले 5-6 पाठ और अंतिम तिमाही में शेष पाठ पढ़ाए जाते हैं। ऐसे में चारों किताबों को जोड़कर तिमाही के अनुसार किताबें बनाई गई हैं। पहली तिमाही के लिए हर विषय के पांच-पांच पाठ मिलाकर चारों विषयों के कुल बीस पाठ की एक किताब बनाई गई है। दूसरी तिमाही में दूसरी किताब बच्चों को दी जाएगी। बच्चों को चार किताबों की जगह एक ही किताब लेकर जानी पड़ेगी।
किताबें जोड़ने का कार्य प्रगति पर
इस कार्यक्रम के लिए हर जिले से एक स्कूल चुना गया है। कुल 33 स्कूलों में प्रोजेक्ट चलेगा। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बुधवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वाटिका, सांगानेर से प्रोजेक्ट का उदघाटन करेंगे। पहली से पांचवी तक के बच्चों को किताबें बटेंगी। कक्षा 6 से 8 तक के लिए किताबें जोड़ने का कार्य अंतिम चरण में है।