
सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या। (Image Source: Meta AI)
Decline In Students Enrollment: सरकारी स्कूलों में छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है। छात्रों को कॉपी-किताब, बैग और मिड-डे मील जैसी फ्री सुविधाएं भी दी जाती हैं। लेकिन, इन सबके बावजूद भी छात्रों के एडमिशन में कमी देखी गई है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से इस पर रिपोर्ट मांगी है और सुधार के सुझाव भी मांगे हैं। सरकार ने 2023-24 और 2024-25 के आंकड़े भी साझा किए हैं। आंकड़ों से साफ होता है कि छात्रों के माता-पिता का रुख प्राइवेट स्कूलों के तरफ ज्यादा होता दिखाई दे रहा है। आइए जानते हैं क्या है इसका असल कारण?
शिक्षा मंत्रालय का UDISE + के आंकड़े बताते हैं कि 2024-25 में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल 24.69 करोड़ एडमिशन हुए जो कि 2023-24 में 24.80 करोड़ और 2022-23 में 25.18 करोड़ थे।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरावट की वजह जन्म दर में गिरावट और डेमोग्राफिक बदलाव है। हालांकि अधिकारी ने कहा कि केवल नई जनगणना के आंकड़े ही इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि प्राथमिक विद्यालय जाने वाली आबादी में गिरावट के पीछे जनसांख्यिकीय बदलाव वजह है या नहीं। 2023-24 की बात करें तो इस साल कुल नामांकन में लगभग 0.5% (11.13 लाख छात्र) की मामूली गिरावट ही दर्ज की गई है।
आंकड़ों के हिसाब से जहां तीन साल में सरकारी स्कूलों में एडमिशन कम हुए हैं तो वहीं प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन बढ़े हैं। निजी स्कूलों में नामांकन 2022-23 में 8.42 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 9 करोड़ और 2024-25 में 9.59 करोड़ हो गया।
Published on:
29 Aug 2025 03:22 pm
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
