ऐसा करना छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी कर्नाटक सरकार ने 10वीं की परीक्षा लोगों के विरोध के बावजूद आयोजित करने का फैसला लिया है। अभिभावकों का कहना था कि वे कोरोना महामारी के बीच अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते। अधिकांश अन्य राज्यों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए कक्षा 10वीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया। कर्नाटक सरकार ने यह कहते हुए परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया छात्रों के आगे के भविष्य के लिए परीक्षाएं महत्वपूर्ण हैं।
परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए फ्री बस सेवा कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार ने बच्चों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए परिवहन की भी व्यवस्था की है। कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा कि परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने एक सर्कुलर जारी कर बच्चों को उनके प्रवेश पत्र दिखाकर बसों में मुफ्त यात्रा करने की अनुमति दी है। यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी बच्चे की वाहन के अभाव में परीक्षा में न छूटे।
इससे पहले 23 मई को केंद्र और राज्यों के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद एक इंटरव्यू में सूबे के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कहा था कि सूबे की सरकार का कहना था कि कर्नाटक एसएसएलसी, पीयूसी परीक्षा को रद्द करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं सिर्फ स्थगित हुई हैं और जुलाई एवं अगस्त में संभावित नई तिथियों की घोषणा की जा सकती है।