साल 2021 में देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से सीबीएसई द्वारा 12वीं परीक्षा रद्द घोषित करने के बाद तमिलनाडु सरकार ने कक्षा 12वीं की को रद्द कर दिया था। इसके बाद कई राज्य बोर्डों और केंद्रीय शिक्षा बोर्डों ने छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए अलग-अलग मूल्यांकन मानदंडों की घोषणा की थी। इससे पहले जून में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी राज्य में कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए मूल्यांकन मानदंड की जारी किए थे, जिसे 10 सदस्यीय समिति द्वारा तैयार किया गया था।
इस आधार पर हुआ छात्रों का मूल्यांकन तमिलनाडु बोर्ड ने 12वीं का रिजल्ट तैयार करने के लिए 50:20:30 फॉर्मूले पर अमल की घोषणा की थी। इस मानदंड के तहत छात्रों को कक्षा 10वीं, 11वीं और कक्षा 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन में उनके अंकों पर चिह्नित किया जाएगा। राज्य ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा के अंकों के लिए 50 प्रतिशत वेटेज आवंटित किया है और अन्य 50 फीसदी को कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं के बीच विभाजित किया है। टीएनडीजीई वेबसाइट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक कक्षा 12वीं के कुल अंकों की गणना इस प्रकार की गई है। 50 प्रतिशत कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा के अंक उच्च अंकों वाले तीन विषयों का औसत, 20 प्रतिशत प्रत्येक विषय कक्षा 11वीं के परीक्षा परिणाम का वेटेज, 30 प्रतिशत कक्षा 12वीं के प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन अंक दिए गए हैं। इनके अलावा 11वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को न्यूनतम 35 फीसदी अंक देकर पास कर दिया जाएगा।
असंतुष्ट छात्र ले सकते है इस बात का सहारा इसके अलावा जो छात्र नए मूल्यांकन मानदंड द्वारा गणना किए गए अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे, वे पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आयोजित होने वाली लिखित परीक्षा में बैठने के लिए अपील कर सकते हैं। फिर छात्र का अंतिम परिणाम केवल ऑफलाइन लिखित परीक्षा में छात्र द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर ही जारी होगा।