
NDA Women First Batch: एनडीए की परेड में बेटियों की दहाड़: पहली बार शामिल हुईं 17 महिला कैडेट्स, कोई हवलदार की बेटी, तो कोई परिवार से पहली अफसर
NDA Women First Batch: पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की 148वीं पासिंग आउट परेड में शुक्रवार को 17 स्नातक महिला कैडेट्स ने हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया। एनडीए में महिलाओं का यह पहला बैच 300 से ज्यादा पुरुष कैडेट्स के साथ कदम से कदम मिलाकर परेड में शामिल हुआ। एनडीए में पुरुष और महिला कैडेट्स का यह पहला सह-शिक्षा बैच है।
बैच में शामिल महिलाओं के माता-पिता को चिंता थी कि उनकी बेटियां एनडीए की कड़ी ट्रेनिंग कैसे पूरी करेंगी, लेकिन बेटियों की हिम्मत और हौसले ने इसे कर दिखाया। श्रीति दक्ष नाम की कैडेट के पिता योगेश दक्ष ने कहा, बेटी ने बड़ा मुकाम हासिल किया है। एक पिता के लिए इससे बड़ा दिन क्या होगा। हर आदमी को समझना होगा कि बेटियां बहुत ताकतवर होती हैं। श्रीति की मां अनु दक्ष ने कहा, मेरी नाजुक बेटी इतनी मुश्किल ट्रेनिंग कैसे करेगी, यह सोचकर मैं परेशान रहती थी, लेकिन आज मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है। बिहार की महिला कैडेट शिवांशी सिंह की मां लता सिंह ने कहा, मेरे पास शब्द नहीं हैं। हमेशा चिंता रहती थी कि बेटी की नाजुक कलाई यह सब कैसे झेलेगी, लेकिन बेटी ने गर्व से भर दिया।
पासिंग आउट परेड के निरीक्षण के दौरान पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी. के. सिंह ने इसे भारत के सैन्य इतिहास का नया अध्याय बताते हुए कहा, इन महिला कैडेट्स ने दिनकर की कविता ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’ को साकार कर दिया। पहली बार इस ग्राउंड से लड़कियों का बैच पास हो रहा है। यह नई संभावनाओं की शुरुआत है। ये 17 कैडेट्स आने वाले समय में उस बदलाव का नेतृत्व करेंगी, जो भारतीय सेना को और समावेशी बनाएगा।
ग्रेजुएट महिला कैडेट्स में शामिल हरियाणा की हरसिमरन कौर ने कहा, सेना में कॅरियर शुरू करने के लिए एनडीए जॉइन किया। मेरे पिता सेना के रिटायर्ड हवलदार हैं। दादा भी सेना में थे। इसलिए भी सेना से गहरा जुड़ाव महसूस करती हूं। हरसिमरन नौसेना अधिकारी बनेंगी। परेड में शामिल इशिता सांगवान अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जो सेना में आई हैं। उनके माता-पिता कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े हैं। इशिता 2022 में इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन कर रही थीं। जब एनडीए में लड़कियों को दाखिले की इजाजत मिली तो उन्होंने आवेदन किया और चयन हो गया।
महिला कैडेट श्रीति दक्ष के पिता वायुसेना में विंग कमांडर रह चुके हैं। श्रीति ने कहा, मैंने जैसा सोचा था, एनडीए में अनुभव उससे बेहतर रहा। ट्रेनिंग के दौरान हमें पुरुष कैडेट्स के साथ स्क्वाड्रन में रखा गया। हमारी ट्रेनिंग लगभग एक जैसी होती थी। हमने तीन साल तक कंधे से कंधा मिलाकर सब कुछ किया। ट्रेनिंग मानसिक और शारीरिक रूप से मुश्किल थी, लेकिन हमने लगातार प्रैक्टिस से कर दिखाया। उन्होंने कहा, परेड में मैंने वह पल महसूस किया, जो कभी मेरे पिता ने महसूस किया होगा। महिला कैडेट्स के पहले बैच से होने के नाते हमें जूनियर कैडेट्स के लिए उच्च मानक बनाने होंगे। मैं ऐसा बेंचमार्क सेट करना चाहती हूं, जिसे वे फॉलो कर सकें। जिस तरह हमने ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया और व्योमिका सिंह को लीड करते देखा, उससे हौसला और बढ़ा है।
महिला कैडेट्स के पहले बैच के 2022 में दाखिले के बाद अब तक एनडीए में 126 महिलाएं दाखिला ले चुकी हैं। इनमें 17 राज्यों की 121 महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं, जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश की पांच बीच में एनडीए छोड़ चुकी हैं। ट्रेनिंग ले रही महिला कैडेट्स में सबसे ज्यादा 35 हरियाणा की हैं। उत्तर प्रदेश की 28, राजस्थान की 13 महाराष्ट्र की 11, केरल की चार और एक कर्नाटक की है।
Published on:
31 May 2025 10:50 am
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