
असम विधानसभा चुनाव 2021
नई दिल्ली/शादाब अहमद। असम विधानसभा चुनाव ( Assam Assembly Elections 2021 ) में राजनीतिक दलों के तूफानी प्रचार के बीच चाय बागानों की तरह यहां की सियासत भी कड़क हो चली है। पिछले कुछ दिनों से स्थानीय नेताओं के सहयोग में उतरे दिग्गजों ने प्रदेश की सियासत का पारा हाई कर दिया है।
फिर चाहे वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों, योगी आदित्यनाथ, अमित शाह या फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी इन दिग्गजों की रैलियों ने ना सिर्फ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है बल्कि विरोधियों के लिए कड़ी चुनौती भी खड़ी कर दी है।
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मोदी के दौरे के बाद असम के उत्तर-पूर्व के कई विधानसभा क्षेत्रों में एक बार फिर बीजेपी मजबूत होती दिख रही है। हालांकि सीएए-एनआरसी का मुद्दा बीजेपी की मुश्किल बढ़ा रहा है।
47 सीटों के मतदान के लिए दलों ने झोंकी ताकत
पहले चरण में 27 मार्च को असम में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसमें मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल की माजुली सीट भी शामिल है। चुनाव में चंद दिन बचने के चलते भाजपा ने सरकार बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर समेत स्थानीय नेता बेहद आक्रमक तरीके से प्रचार कर रहे हैं।
वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी के साथ प्रभारी महासचिव जितेन्द्र सिंह के कंधों पर प्रचार टिका हुआ है। दोनों ओर से शब्द बाण चलाए जा रहे हैं। इस बीच कई इलाकों में मतदाता खासा मुखर भी दिख रहा है।
डिब्रुगढ़ के मतदाताओं को रास आया विकास
पिछले तीन विधानसभा चुनाव से डिब्रुगढ़ भाजपा का गढ़ बना हुआ है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल यहीं के निवासी हैं। ऐसे में बीजेपी ने क्षेत्र में खासा ध्यान दिया है। मेडिकल स्टोर संचालक नवल शर्मा का कहना है कि बीजेपी सरकार ने खूब सड़कें और पुल बनवाए हैं।
विकास के आधार पर ही वोट दिए जाएंगे। गृहणी सीता बागपत का कहना है कि सरकार ने अच्छा काम किया है। गैस के दाम बढ़ने पर उन्होंने कहा कि यह कोई भी सरकार कम नहीं कर सकती।
सीएए को लेकर नाराजगी
अंसार अहमद का कहना है कि यहां जैसा है वैसा ही रहने वाला है। हालांकि सीएए को लेकर आसामी यहां भी दबी जमान में नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
तीनसुकिया में गैर आसामी पर बीजेपी का फोकस
कांग्रेस के गढ़ रहे तीनसुकिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पिछले चुनाव में खाता खोला था। इस बार कांग्रेस ने इस सीट को सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल के लिए छोड़ दिया है।
इस सीट पर बंगाली मतदाताओं के साथ बिहारी, राजस्थानी और ओडिया मतदाताओं का दबदबा है। पिछले चुनाव में बंगाली मतदाता पूरी तरह बीजेपी के साथ आ गए थे।
इस बार बंगाली समाज से निर्दलीय खड़ा होने से बीजेपी को मुश्किल हो रही है। केशव जालान का कहना है कि जीएसटी को लेकर व्यापारियों को कुछ परेशानी जरूर है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल बनाने समेत कई अच्छे काम सरकार ने किए हैं।
डिग्बोई में सीएए दिखा रहा रंग
ऑयल सिटी के नाम से प्रसिद्ध डिग्बोई सीएए विरोध का बड़ा केन्द्र रहा है। यहां पर साफ तौर पर इसका असर दिख रहा है। युवा विवेक सिंह का कहना है कि माहौल अब बदल गया है। सड़क बनाने से हमारा रोजगार नहीं चल सकता। सीएए असम की अस्मिता पर सीधा हमला है। हमने बड़ा आंदोलन किया है। यह सरकार रहती है तो सीएए लाकर रहेगी।
चाय बागान में काम करने वाली लीलावती सिंह राजपूत का कहना है कि हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई है। 15 दिन मजदूरी करने के बाद सिर्फ 1750 रुपए मिलते हैं। पहले हम कांग्रेस को वोट देते थे, पिछली बार मोदी को दिया, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।
सीएए लागू नहीं होगा-कांग्रेस
कांग्रेस ने साफ तौर पर कह दिया है कि सरकार बनने के बाद असम में सीएए लागू नहीं होगा।
ब्रह्मपुत्र पर बन रहे आधुनिक पुल
बीजेपी का दावा है कि असम सरकार ने ब्रह्मपुत्र के दोनों किनारों के बीच आपस में आधुनिक पुल बन रहे हैं, पुराने अधूरे पुलों को पूरा किया जा रहा है।
Published on:
25 Mar 2021 08:19 am
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