
Assembly Election Result
नई दिल्ली। चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम रविवार को घोषित किए गए। इन चुनावी राज्यों में सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल पर नजरें टिकी थी। बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस सत्ता की हैट्रिक लगाती दिख आई। कांग्रेस एक बार फिर इस मुकाम पर पहुंच गई है कि पांच राज्यों के महासंग्राम में कांग्रेस अपने दम पर एक भी राज्य नहीं जीत सकी। कांग्रेस से केरल में अच्छा प्रदर्शन की पूरी उम्मीद थी, लेकिन परिणाम विपरीत ही मिले। एलडीएफ (LDF) ने उसे फिर सत्ता से दूर रहने को मजबूर कर दिया।
जनता का मत ही सर्वोपरि
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता का मत ही सर्वोपरि होता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी इन चुनाव परिणामों को पूरी विनम्रता और जिम्मेदारी से स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि हम चुनाव हारे हैं, लेकिन ना हिम्मत हारी है, ना ही मनोबल खोया। पार्टी का हमेशा आगे बढ़ते रहने का संकल्प रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी विधानसभावार विश्लेषण करेगी और जहां कमियां रही उनमें सुधार किया जाएगा।
कांग्रेस को नहीं मिला फायदा
आपको बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी पांच राज्यों में पूरे दम के साथ चुनाव प्रचार किया। इतनी मेहतन करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी को सफलता नहीं मिली। हालांकि चुनावों की निगरानी और प्रबंधन करने वाली टीम ने उन्हें चुना था। असम में चुनाव प्रचार का प्रभार जितेंद्र सिंह ने संभाला था। जिन्होंने मतदान का प्रबंधन करने के लिए एक पीआर एजेंसी में भाग लिया। पार्टी का प्रचार करने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मैदान में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनके साथ कई नेताओं में खूब मेहनत की। इसके बावजूद कांग्रेस राज्य में ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी।
राहुल गांधी को व्यक्तिगत झटका
असम की तरह केरल में भी पार्टी की कमान तारिक अनवर संभाल रहे थे। सत्ता विरोधी लहर नहीं होने के कारण पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। इस प्रकार पुडुचेरी में कांग्रेस ने भी कोई खास काम नहीं दिखा सकी और अपना रास्ता भटक गई। पश्चिम बंगाल में वह लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को आगे रखा। बंगाल में भी पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली। केरल का नुकसान राहुल गांधी के लिए एक व्यक्तिगत झटका है, क्योंकि इसी राज्य के वायनाड से वह सांसद हैं और उनके करीबी केसी वेणुगोपाल भी उसी राज्य से आते हैं।
Published on:
02 May 2021 11:27 pm
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