एमएलसी चुनाव में बीजेपी के जो उम्मीदवार जीते उन्हें देखकर लगता है कि जो समीकरण बताए गए थे वो सही थे। माना जा रहा है कि 2024 के आम चुनावों को देखकर ही जातीय समीकरण गढ़ा गया था। बता दें कि भाजपा के जीते हुए उम्मीदवारों में 12 राजपूत, 5 ब्राह्मण, 9 पिछड़ा वर्ग से और 3 वैश्य उम्मीदवार हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड बहुमत हासिल किया है। 40 सालों बाद भाजपा को दोनों सदनों में बहुमत मिला है। एमएलसी की 36 सीटों में से 27 पर भाजपा जीती है। इसी के साथ उस पर जातिवादी होने के आरोप लग रहे हैं। 12 राजपूत, 5 ब्राह्मण, 9 पिछड़ा वर्ग और 3 वैश्य उम्मीदवार एमएलसी बने हैं। सपा ने आरोप लगाया है कि भाजपा अगड़ी जातियों की राजनीति कर रही है। मुख्यमंत्री की बिरादरी के 12 ठाकुर एमएलसी बने हैं।
50 फीसद सीटों पर ठाकुर जीते
विधान परिषद के चुनाव में ठाकुर बिरादरी का दबदबा दिखा। 36 में से 18 सीटों पर राजपूत प्रत्याशी जीते हैं। इनमें 15 बीजेपी के हैं। जबकि तीन निर्दलीय हैं। बीजेपी ने 16 ठाकुर उम्मीदवार उतारे थे इसमें से एक प्रत्याशी हार गया। वहीं, सपा ने 21 यादव उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन एक भी नहीं जीता।
सपा ने दलितों को दरकिनार करने का आरोप लगाया
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को भाजपा ने दरकिनार किया। जीतने वाले 36 उम्मीदवारों में से 18 ठाकुर हैं। सपा ने ट्वीट किया, दूसरों को जातिवादी बताने वाली भाजपा की ये है सच्चाई। हालांकि, सपा ने 35 में 21 पर यादव बिरादरी के उम्मीदवार उतारे थे।
उप्र विधान परिषद दलीय स्थिति
कुल सीटें-100
-भाजपा-68
-सपा-17
-बसपा-04
-निर्दलीय-02
-शिक्षक दल-02
कांग्रेस-01
अपना दल (सोनेलाल)-01
निर्दलीय समूह-01
निषाद पार्टी-01
जनसत्ता दल-01
रिक्त-02