
लखनऊ. UP Assembly Elections 2022- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में अब महज चार-पांच महीने का ही वक्त बचा है। सितंबर के पहले सप्ताह से ही राजनीतिक दलों की तैयारियां परवान चढ़ने लगेंगी। बीजेपी के सामने सत्ता को दोहराने की बड़ी चुनौती है तो वहीं विपक्ष योगी सरकार को भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था समेत कई मुद्दों को घेरने में लगा है।
अब भी राम के सहारे बीजेपी
यूपी की सत्ता पर काबिज बीजेपी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवाद, हिंदुत्व, कोरोना काल में योगी मॉडल, सूबे की कानून-व्यवस्था के साथ-साथ बड़े माफियाओं पर की गई कार्रवाई के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी। बीजेपी के लिए मुख्य मुद्दा इस चुनाव में भी राम मंदिर ही होगा। भाजपा के पास विपक्ष को जबाव देने के लिए राम मंदिर निर्माण बड़ा विकल्प है।
किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरेंगे अखिलेश
समाजवादी पार्टी यूपी में शिक्षा, बेरोजगारी, मंहगाई, स्वास्थ्य और किसानों की समस्या को लेकर चुनावी मैदान में जाने की तैयारी में है। सपा मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि सत्ता में आने पर योगी सरकार में दर्ज तथाकथित फर्जी मुकदमों को वापस लेंगे। इसके अलावा सपा ने ब्राह्मण मतदाताओं को मनाने के लिए अपने पांच नेताओं को लगाया है।
2007 के फॉर्मूले पर लौटी बसपा
मायावती की बहुजन समाज पार्टी दोबारा अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर लौट रही है। जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद मिश्रा के कंधों पर है। बसपा इस चुनाव में ब्राह्मणों के सहारे बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है।
प्रियंका की सक्रियता से जगी उम्मीद
उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस को अब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का ही सहारा है। पिछले दिनों यूपी में प्रियंका गांधी ने अपनी सक्रियता दिखाई थी। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रियंका ने महिला उत्पीड़न, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई समेत कई मुद्दों को उठाया था।
Published on:
30 Aug 2021 06:11 pm
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