
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित नामांकन कक्ष के बाहर हंगामा (नामांकन के तीसरे दिन 14 फरवरी की फोटो)
वाराणसी. UP Assembly Elections 2022 के तहत वाराणसी में नामांकन के तीसरे दिन सोमवार को जिस तरह से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर संग कचहरी परिसर में जिस तरह से अधिवक्ताओं के एक समूह ने हंगामा किया उसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी/कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के दोनों बार एसोसिएशन (वाराणसी बार व सेंट्रल बार एसोसिएशन) को पत्र भेजा है।
बार एसोसिएशन को भेजे पत्र में जिला निर्वाचन अधिकारी/ कलेक्टर ने कहा है कि एसोसिएशन ये सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं होगी। उन्होंने ये भी कहा है कि जिन अधिवक्ताओं का न्यायालय में न्यायिक कार्य न हो वो 18 फरवरी की शाम तक कलेक्ट्रेट परिसर में न आएं, ताकि प्रत्याशियों और अन्य राजनेताओं को यथोचित सम्मान मिल सके।
बता दें कि सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे डॉ अरविंद राजभर को शिवपुर विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल कराने आए थे। वो जैसे ही कलेक्ट्रेट परिसर में घुसे, अधिवक्ताओं का एक समूह उनका विरोध करने लगा। अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके चलते नामांकन कक्ष के बाहर हंगामे की स्थिति बन गई। अधिवक्ताओं की नारेबाजी और धक्कामुक्की के बीच सुभासपा और सपा कार्यकर्ता भी नारेबाजी करने लगे। इस पर मौके पर पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप कर दोनो पक्षों को अलग कर बड़ी मुश्किल से मामला शांत कराया।
इस घटना को लेकर पूर्व मंत्री व सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी पर अभद्रता का आरोप लगाया। कहा कि बीजेपी के कुछ लोगों ने उनके साथ अभद्रता की। यहां तक कहा कि कुछ लोगों ने मुझे जान से मारने की धमकी दी। वो भी पुलिस की मौजूदगी में। राजभर ने कलेक्टर व पुलिस आयुक्त को भी निशाने पर लिया और कहा कि घटना से लगता है कि उनकी भी संलिप्तता रही। उन्होंने निर्वाचन आयोग से कलेक्टर व पुलिस आयुक्त हटाने तथा दोषी लोगो के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
Published on:
15 Feb 2022 12:18 pm
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