
नई दिल्ली।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दो दिनों में चुनाव आयोग ने दो नोटिस जारी कर दिया। पहला नोटिस 8 अप्रैल को जारी किया गया था, जबकि दूसरा नोटिस आज यानी 9 अप्रैल को जारी हुआ। नोटिस का जवाब 10 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक देने के लिए कहा गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में तीसरे चरण से ठीक पहले यानी गत तीन अप्रैल को हुगली में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की थी कि वे इस चुनाव में अपना वोट नहीं बंटने दें। ममता की मुसलमानों से की गई अपील की शिकायत भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चुनाव आयोग से की थी। शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने को कहा।
दस नोटिस दो मेरा जवाब एक ही होगा
वहीं, चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद ममता बनर्जी गुरुवार की शाम आयोग के अधिकारियों पर हमलावर हो गईं। उन्होंने कहा, आयोग चाहे तो मुझे दस कारण बताओ नोटिस दे सकता है, मगर मेरा जवाब एक ही होगा और मैं अपना रुख नहीं बदलूंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं को बांटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी।
कूचबिहार में दिया था बयान
वहीं, दूसरा नोटिस उन्हें सीआरपीएफ पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद दिया गया है। इसमें उन्होंने बुधवार को आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर भाजपा की सीआरपीएफ राज्य के मतदाताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोक रही है और उनकी जान ले रही है। ममता ने यह बातें कूचबिहार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कही थी।
ममता की टिप्पणी आपत्तिजनक थी
चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए नोटिस जारी किया और दस अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब देने को कहा है। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में ममता बनर्जी के 28 मार्च और 7 अप्रैल के भाषणों का हवाला भी दिया है। ममता को कूचबिहार में उनके भाषणों के लिए भेजे गए नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा कि सीआरपीएफ पर उनकी ओर से अत्यधिक आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी।
Published on:
09 Apr 2021 02:02 pm
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