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Punjab Election 2022: बिक्रम मजीठिया के अलावा दो और वजह भी सिद्धू की जीत में बन सकती है बाधा

Punjab Election 2022 को लेकर राजनीतिक दल अपनी ताकत झोंकने में लगे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी शनिवार को पूर्वी अमृतसर से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। लेकिन उनकी राह इतनी आसान नहीं है। बिक्रम सिंह मजीठिया के अलावा दो और बड़ी वजह उनकी जीत में रोड़ा बन सकती हैं।

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Not Only Bikram Majithia these two reason also make trouble for Navjot Sidhu

Not Only Bikram Majithia these two reason also make trouble for Navjot Sidhu

Punjab Election 2022: नवजोत सिंह सिद्धू भले ही कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतकर दोबार सत्ता में आने के दावे कर रहों, लेकिन सच तो ये हैं उनके खुद का चुनाव जीतना इतना आसान नहीं है। पार्टी में चल रही उठापटक के बीच नवोजत सिंह सिद्धू के लिए पूर्वी अमृतसर सीट से जीत हासिल करने के लिए तीन बड़ी बाधाओं को पार करना होगा। इनमें पहले बाधा है अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, जो इसी सीट से उनके खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। माना जा रहा है कि मजीठिया को बादल परिवार की पूरा सपोर्ट है। वो लगातार सिद्धू पर हमलावर भी हैं। हालांकि सिद्धू इसे चुनौती नहीं मानते हैं।

कांग्रेस को दोबारा सत्ता पर काबिज होना है तो उसके धुरंधरों को चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। ऐसे में कांग्रेस की नजर उनके फायरब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर टिकी है, क्योंकि सिद्धू के चलते पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर को नजरअंदाज किया था। हालांकि सिद्धू के लिए इस चुनाव में जीतना उतना आसान नहीं है। इसके पीछे दो और बड़ी वजह हैं।

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वर्ष 2017 में सिद्धू भले ही इस सीट से चुनाव जीतकर कैबिनेट में जगह बनाने में सफल रहे हों, लेकिन इस बार उनके लिए अपने ही क्षेत्र के लोगों की नाराजगी बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

अधूरे वादे और अधूरे विकास कार्य वे वजहें हैं जिनसे जनता का सिद्धू पर रोष बना हुआ है। सिद्धू का गोद लिया गांव अब भी विकास के लिए टकटकी लगाए बैठा है। इसके अलावा अपने क्षेत्र का दौरा ना करना भी सिद्धू को बड़ा झटका दे सकता है।

सिद्धू को लेकर लोगों की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके लापता होने के पोस्टर इलाके में चस्पा कर दिए गए थे। यही नहीं ये भी कहा जा रहा है कि स्थानीय कार्यकर्ता भी सिद्धू की कार्यशैली से खुश नहीं है।


एक तरफ सिद्धू के लिए बिक्र मजीठिया चुनौती बने हुए हैं तो दूसरी तरफ सिद्धू के घोर विरोधी रहे और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नजर भी उनकी सीट पर बनी हुई है।
माना जा रहा है कि कैप्टन इस सीट पर अपनी पार्टी का प्रत्याशी खड़ा कर के सिद्धू की मुश्किल बढ़ाने वाले हैं।


सिद्धू के लिए ये सीट लक्की है। 2021 में जहां नवजोत कौर सिद्धू ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और 7,000 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव जीता। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने 2017 का चुनाव 42,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

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