
UP Election 2022 : कुंडा में राजा भैया को भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा ने घेरा, दलित वोट करेंगे फैसला
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण की वोटिंग 27 फरवरी को होने जा रही है। 12 जिलों की 61 विधानसभा के 692 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पर एक सीट ऐसी है जहां पर सभी की नजर है चाहे वो राजनीतिक दल हो या फिर जनता। वो सीट है प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट। हमेशा निर्दलीय लड़ने वाले रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया इस बार अपनी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के बैनर से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार राजा भैया की जीत में कई रोड़े हैं। भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा ने पहली बार कुंडा दुर्ग में राजा भैया की किलेबंदी कर दी है। राजा भैया ने इसे चुनौती की तरह लिया है, और आक्रामक अंदाज में प्रचार कर यह ऐलान कर रहे हैं कि, अबकी बार डेढ़ लाख पार। यह तो 10 मार्च बताएगा कौन जीता कौन हारेगा। पर फिजाएं ठीक नहीं हैं।
कुंडा चुनाव बना नाक की सवाल
समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव को अपने नाक का सवाल बना लिया है। और राजा भैया के पूर्व सहयोगी गुलशन यादव को ही राजा भैया के खिलाफ टिकट दे दिया है। उधर भाजपा ने भी सिंधुजा मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से योगेश यादव और बसपा से मो. फहीम चुनाव मैदान में हैं। लड़ाई रोचक हो गई है। इस लड़ाई में तीर, भाला, बरछा नहीं सिर्फ वोट ही जीत दिलाएगा।
अखिलेश यादव और राजा भैया का तनाव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राजा भैया की तनातनी सबके सामने आ गई है। एक दूसरे पर वार चलाए जा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा था कि, कुंडा में इस बार तो कुंडी लगवा देंगे। इस पर राजा भैया के सबग का बांध टूट गया और उन्होंने कहाकि, फिलहाल तो कोई माई का लाल ऐसा नहीं है जो कि कुंडा में कुंडी लगा दे। बयानों की गरमी यह जता रही है कि कुंडा का चुनाव किसा तरह से हॉट बन गया है।
यादव, मुस्लिम और पिछड़ों को रिझा रही है सपा
1993 से लगातार छह बार निर्दल विधायक रहे बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया चुनाव 2017 एक लाख से अधिक वोटों से जीते थे। पर इस बार सपा अपने समीकरण के तहत यादव और मुस्लिम मतदाताओं के साथ पिछड़ों को गोलबंद करने में जुटी है। उधर भाजपा भी प्रत्याशियों को जिताइए, हम यहां का गुंडाराज खत्म करेंगे। इस बयान का सीधे मतलब राजा भैया पर अटैक है।
दलित वोटर करेंगे फैसला
इनके जवाब में राजा भैया चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि, चुनाव में विधायक और सांसद बदला जाता है, चाचा-बेटा और भाई नहीं। कुंडा के चुनाव में किसी दल के पास कोई मुद्दा नहीं है। सीधे तौर पर लड़ाई दुर्ग ढहाने और बचाने की है। दलित वोटर यहां निर्णायक भूमिका में हैं।
वोटों का गणित
कुल मतदाता 3,57,167
दलित 85 हजार
मुस्लिम 53 हजार
यादव 48 हजार
ब्राह्मण 45 हजार
कुर्मी 40 हजार
क्षत्रिय 25 हजार
वैश्य 19 हजार
अन्य 39 हजार
चुनाव 2017
रघुराज प्रताप सिंह - निर्दलीय - 1,36,597
जानकीशरण पांडेय - भाजपा - 32,950
परवेज अख्तर - बसपा - 17,261
Published on:
26 Feb 2022 12:48 pm
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