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राजस्थान विधानसभा चुनाव: गौरव गोगोई बोले- कांग्रेस ने हर हाल में सबसे अच्छे उम्मीदवार देने की कोशिश की

Rajasthan Election: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का उद्देश्य टिकट काटना नहीं, जिताऊ उम्मीदवार देने का रहा है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Nov 10, 2023

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Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का उद्देश्य टिकट काटना नहीं, जिताऊ उम्मीदवार देने का रहा है। उम्मीदवार चयन की बैठकों के दौरान बड़े नेताओं ने एक-दूसरे पर कोई कटाक्ष नहीं किए और कोई नेता भी असंतुष्ट नहीं हुआ। हर हाल में सबसे अच्छे उम्मीदवार देने की कोशिश हुई है। 200 उम्मीदवार किसी नेता के नहीं, बल्कि कांग्रेस के हैं। टिकट मांगने वाले नेताओं की अधिक संख्या बताती है कि हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा टूटने वाली है। राजस्थान चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता गौरव गोगोई से शादाब अहमद की बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश...

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Q सभी टिकट बांटने के बाद कैसा महसूस हो रहा है?
-मैं बहुत ही संतुष्ट हूं। अब मैं 25 नवंबर का इंतजार कर रहा हूं जब लोग तहेदिल से प्यार कर कांग्रेस को समर्थन देंगे।
Q सर्वे में खराब प्रदर्शन वाले विधायकों के खिलाफ सख्त फैसले लेने से कमेटी क्यों चूक गई?
-हमारा उद्देश्य टिकट काटना नहीं, बल्कि चुनाव जीतना है। हमारा उद्देश्य रहा है कि गहलोत सरकार ने जो काम किया है, उसे आगे बढ़ाया जाए। यदि किसी की कोई कमी है, तो उसे बता दिया गया है ताकि वे मतदाताओं की नाराजगी दूर करें।
Q कमेटी की बैठकों में गहलोत बनाम पायलट वाली स्थिति बनी?
-देखिए, सभी नेताओं ने मुझसे एक ही बात कही कि आप सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार पर ध्यान रखिए। यह नहीं देखें कि कौन किसके साथ है। किसी भी नेता ने बाधा नहीं डाली। यह सब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की रणनीति के चलते हुआ। एक बार भी कोई नेता नाराज होकर बैठक से बाहर नहीं आया। सभी सकारात्मक रहे।

Q स्क्रीनिंग व सीईसी बैठकों में मानेसर जाने, बीते साल विधायक दल की बैठक के बहिष्कार व सिंगल नामों पर राहुल गांधी की नाराजगी के दावों में सच्चाई है?
-ज्यादातर बातें काल्पनिक व सोशल मीडिया की देन हैं। हम तो भाजपा के बारे में ही सुनते रहे कि एक बड़े नेता को घर बिठाने के लिए पहली सूची में उनके समर्थकों को टिकट नहीं दिए गए। दूसरी सूची में उस नेता को समझाने की कोशिश की।
Q कितनी सीटों पर समस्या आई?
-सरकार रिपीट न होने की परंपरा तोड़ने के लिए कांग्रेस ने विशेष मेहनत की। मैंने व सदस्यों अभिषेक दत्त व गणेश गोणियाल ने अलग से बैठकें कीं, ब्लॉक अध्यक्षों से मिले। लगातार तीन बार से हारने वाली 52 सीटों पर ब्लॉक अध्यक्षों को जयपुर बुलाकर अलग से चर्चा की। वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री की टीम को फील्ड से मिला फीडबैक भी काम आया।

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Q टिकट काटने का पैमाना क्या था?
-जातिगत जनगणना, अशोक गहलोत के गारंटी कार्यक्रम, सचिन पायलट के युवाओं को तरजीह देने की बात को ध्यान में रखते हुए टिकट बांटे गए। टिकट काटने हम नहीं गए थे।
Q धारीवाल, जाहिदा और वेद प्रकाश सोलंकी का टिकट आखिरी सूची में आया, क्या वजह रही?
-हर व्यक्ति अपने तरीके से विश्लेषण कर सकता है। मेरी जिम्मेदारी थी हर सीट की पूरी जानकारी, नेता की सच्चाई, ईमानदारी व लोकप्रियता से केन्द्रीय नेतृत्व को अवगत कराना, जो अंतिम निर्णय करता है। कांग्रेस ने रणनीति के तहत नाम घोषित किए।
Q बगावत को रोकने का कोई प्लान तैयार किया है?
-जरूर बनाया है, पर हमारे यहां ज्यादा बगावत नहीं है। बगावत तो भाजपा में हो रही है क्योंकि टिकट वितरण का पूरा काम केन्द्रीय नेताओं के पास रहा और स्थानीय नेताओं पर विश्वास नहीं किया गया।