UP Assembly Election 2022: यूपी की सियासत में गहमागहमी बढ़ गयी है। सभी दल पूरी तैयारी के साथ मैदान में आ गये हैं। वहीं इसी बीच दल बदल का दौर भी शुरू हो गया है नेताओं की पार्टी के प्रति निष्ठा भी बदलने लगी है। सोमवार को पश्चिमी यूपी के तीन नेताओं ने पाला बदल दिया है।
UP Assembly Election 2022: लखनऊ. चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही यूपी की सियासत में गहमागहमी बढ़ गयी है। सभी दल पूरी तैयारी के साथ मैदान में आ गये हैं। वहीं इसी बीच दल बदल का दौर भी शुरू हो गया है नेताओं की पार्टी के प्रति निष्ठा भी बदलने लगी है। सोमवार को पश्चिमी यूपी के तीन नेताओं ने पाला बदल दिया है। ये तीन नेता हैं, कांग्रेस के इमरान मसूद जो अब सपा में शामिल हो गये हैं। दूसरे हैं उन्हीं के जुड़वा भाई नोमान मसूद जो रालोद छोड़कर बसपा में शामिल हो गये हैं तो तीसरा नाम है बदायूँ के बिल्सी से बीजेपी विधायक राधा कृष्ण शर्मा का। राधा कृष्ण शर्मा अब बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गये हैं।
सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी विधायक राधा कृष्ण शर्मा की। लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद राधा कृष्ण शर्मा को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई। आपको बता दें कि बदायूं को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने बदायूं के बिल्सी में 1993 के बाद पहली बार मोदी लहर में 2017 में जीत दर्ज की थी और आरके शर्मा यहां विधायक चुने गए थे। शर्मा ने मतदान के 21 दिन पहले ही टिकट मिलने के बाद भी जीत दर्ज की थी।
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दूसरी तरफ पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के कद्दावर नेता इमरान मसूद ने कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में जाने का औपचारिक ऐलान कर दिया है। पार्टी के छोड़ने के एलान से पहले इमरान मसूद ने अपने समर्थकों के साथ बैठक भी की थी और फिर सबके राय-मशविरे के बाद उन्होंने सपा में जाने का एलान कर दिया है। दरअसल, इमरान मसूद पिछले काफी दिनों से इस बात का संकेत दे रहे थे कि वे समाजवादी पार्टी जॉइन कर सकते हैं। मसूद का साफ कहना है कि यूपी में सीधी लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच है।
वहीं इमरान के ही जुड़वा भाई नोमान मसूद ने रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) को झटका देकर हाथी की सवारी करने का निर्णय ले लिया है। नोमान दो बार गंगोह विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और दोनों बार हारे। उनकी पहले भी बसपा में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन वह किसान आंदोलन के दौरान रालोद में शामिल हो गए, लेकिन रालोद को अपने लिए मुफीद न पाकर अब वह बसपा में शामिल हो गए हैं।