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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : महमूदाबाद में दिग्गजों को हराकर जीतती आ रही सपा, कौन देगा चुनौती

राजनीतिक दृष्टि से महमूदाबाद विधानसभा क्षेत्र ( Mahmoodabad Assembly constituency) काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे इस क्षेत्र में वर्तमान में समाजवादी पार्टी का खासा दबदबा है। भाजपा लंबे अरसे से सपा को चुनौती दे रही है , लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। ऐसे में Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में न केवल भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा होगी बल्कि सपा के लिए सीट बरकरार रखने की भी चुनौती है।

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लखनऊ

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Shiv Singh

Jan 06, 2022

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : महमूदाबाद में दिग्गजों को हराकर जीतती आ रही सपा, कौन देगा चुनौती

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : महमूदाबाद में दिग्गजों को हराकर जीतती आ रही सपा, कौन देगा चुनौती

सीतापुर ( पत्रिका न्यूज नेटवर्क ) . महमूदाबाद (Mahmoodabad Assembly )का नाम महज एक विधानसभा क्षेत्र के कारण ही चर्चा में नहीं है बल्कि यहां की बड़़ी रियासत वाले राजा महमूदाबाद के कारण यह जगह देश-विदेश में चर्चित है। इस रियासत के ही राजा मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान महमूदाबाद से विधायक भी रह चुके हैं। अब यहां सपा का कब्जा है और भाजपा इसे छीनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है जबकि कभी नंबर एक पर रही कांग्रेस तमाशबीन की भूमिका में है।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सीतापुर जिले की महमूदाबाद सीट ( Mahmoodabad Assembly constituency) पर सपा के नरेंद्र सिंह वर्मा काबिज हुए थे। वर्मा को 81469 वोट मिले थे। नरेंद्र वर्मा यहां से कई बार विधायक रह चुके हैं और इस क्षेत्र में उनकी पकड़ ही का नतीजा है कि मोदी लहर में भी वे अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। पिछले चुनाव में भाजपा की आशा मौर्या को 79563 वोट मिले थे जबकि बसपा के प्रद्युम्न वर्मा को 45050 वोट। नरेंद्र वर्मा वर्ष 2002 में भाजपा से भी विधायक रह चुके हैं।
वीआईपी रही है सीट
महमूदाबाद विधानसभा सीट कभी वीआईपी थी। यहां से राजा महमूदाबाद के रियासत के राजा कांग्रेस से आमिर मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान वर्ष 1985 व 1989 में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अम्मार रिजवी ने 1980 व 1996 में यहां से नुमांइदगी करते हुए राज्य मंत्रिमंडल में जगह बनाई और कांग्रेस सरकार में कई बार महत्वपूर्ण विभागों को संभाला। अम्मार रिजवी न केवल महमूदाबाद बल्कि पूरे जिले की राजनीति में खासा दखल रखते थे लेकिन एक ऐसा वक्त भी आया जब उन्हें सपा के नरेंद्र सिंह वर्मा से हार का सामना करना पड़ा।

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वर्ष 2022 के चुनाव में मिलेगी चुनौती
भारतीय जनता पार्टी मोदी लहर में भी महमूदाबाद सीट ( Mahmoodabad Assembly constituency) पर कब्जा नहीं कर पाई जबकि उसने जातीय संतुलन को देखते हुए आशा मौर्या को उम्मीदवार बनाया था लेकिन सपा के प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने उन्हें हरा दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में नरेंद्र वर्मा को चुनौती देने के लिए भाजपा किस तरह की रणनीति अपनाती है लेकिन इतना तो तय है कि Uttar Pradesh Assembly Election 2022 का चुनावी रण काफी रोचक होगा।

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ये हैं क्षेत्र के मुख्य मुद्दे
महमूदाबाद विधानसभा क्षेत्र (Mahmoodabad Assembly constituency) के मुद्दों की बात करें तो यहां गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या अधिक है। उन्हें गन्ना की खेती में फायदा तो नजर आता है लेकिन चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाना और समय से गन्ने का भुगतान न होने से परेशानी होती है। कई किसान तो कर्ज में डूब जाते हैं। जंगली जानवरों के आमद होने से पशुपालकों को बड़ी परेशानी होती है। कानून व्यवस्था को लेकर भी लोगों की शिकायते हैं।