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UP Elections 2022 : पोस्टल बैलेट हो सकता है गेमचेंजर, कई उम्मीदवारों की हार बदल सकती है जीत में, सपा चिंतित

Uttar Pradesh Assembly Elections Result 2022 पहली बार उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। यह पोस्टल बैलेट किसी भी उम्मीदवार की हार को जीत में बदल सकती हैं। चुनाव 2017 में करीब 50 सीटें ऐसी थी जिस पर भाजपा ने 5 हजार से कम वोटों से जीत की पताका फहराई थी। इसलिए पोस्टल बैलेट गेमचेंजर हो सकते हैं।

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UP Elections 2022 : पोस्टल बैलेट हो सकता है गेमचेंजर, कई उम्मीदवारों की हार बदल सकती है जीत में, सपा चिंतित

UP Elections 2022 : पोस्टल बैलेट हो सकता है गेमचेंजर, कई उम्मीदवारों की हार बदल सकती है जीत में, सपा चिंतित

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 रिजल्ट 10 मार्च को आने वाला है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट और सर्विस वोट की गिनती शुरू होगी। पोस्टल बैलेट और सर्विस वोट की अहमियता चुनाव 2022 में काफी बढ़ गई है। पहली बार उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। यह पोस्टल बैलेट किसी भी उम्मीदवार की हार को जीत में बदल सकती हैं। चुनाव 2017 में करीब 50 सीटें ऐसी थी जिस पर भाजपा ने 5 हजार से कम वोटों से जीत की पताका फहराई थी। इसलिए पोस्टल बैलेट गेमचेंजर हो सकते हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी पूरी तरह से अलर्ट है। कार्यकर्ताओं को निर्देश है कि पोस्टल बैलेट व सर्विस वोट की गिनती में कोई भी चूक दिखें तो तत्काल अपना विरोध दर्ज कराएं। चुनाव आयोग भी सर्तक है।

पोस्टल बैलेट और सर्विस वोट सुविधा

चुनाव 2022 में चुनाव आयोग ने पहली बार 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांगों को पोस्टल बैलेट से वोटिंग की सहूलियत दी है। आवश्यक सेवाओं और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मी भी पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं। दूसरे राज्यों में रहने वाले यूपी के मूल निवासी चाहे वो सेना या अर्धसैनिक बलों के अफसर-जवान हो या सरकारी कर्मचारी, उन्हें मतदान की सुविधा के लिए सर्विस वोट जारी किए गए है। सर्विस वोट को डाक वोट के नाम से भी पुकारा जाता है।

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वीडियोग्राफी होगी

पोस्टल बैलेट के लिए चुनाव आयोग ने कई जरुरी काम किए हैं। एआरओ की संख्या बढ़ाई है। अलग टेबल पर पोस्टल बैलेट और सर्विस वोट की गिनती की जाएगी। मतगणना स्थल पर पर्यवेक्षक उपस्थित रहेंगे। साथ ही पोस्टल बैलेट की गणना की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। मतगणना एजेंट सीधे पर्यवेक्षक से शिकायत कर सकेंगे।

पोस्टल बैलेट से शुरू होगी वोटों की गिनती

वोटों की गिनती पोस्टल बैलेट से शुरू होती है। इस बार के विधानसभा चुनाव में अधिक पोस्टल मतदान होने से उनकी गिनती में समय लग सकता है। इससे ईवीएम से रिजल्ट आने में देरी होगी।

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समाजवादी पार्टी सबसे अधिक सतर्क

पोस्टल बैलेट और सर्विस वोट के बारे में समाजवादी पार्टी के सभी बड़े नेता फिक्रमंद हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने सपा उम्मीदवारों को लिखी एक चिट्ठी में कहाकि, पोस्टल बैलेट के पास कोई भी चपरासी या बाबू को फटकने ना दें, अगर सावधानी नहीं रही तो कोई भी सपा के वोटों पर टिक लगा सकता है, जिससे वो अमान्य हो जाएगी और सपा को नुकसान हो जाएगा। शिवपाल यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने को कहा।

चुनाव 2017 में पोस्टल बैलेट का कमाल

- डुमरियागंज विधानसभा सीट से राघवेंद्र प्रताप सिंह (भाजपा) ने सैयदा खातून (बसपा) को मात्र महज 171 वोटों से जीत हासिल की थी। यह वर्ष 2017 का सबसे कम वोटों से जीत का रिकॉर्ड था।
- मीरापुर में भाजपा के अवतार सिंह भड़ाना सपा के लियाकत अली से सिर्फ 193 वोटों से जीते।
- मांट विधानसभा सीट पर बसपा के श्याम सुंदर शर्मा ने रालोद के योगेश चौधरी को 432 वोटों से हराया था।
- श्रावस्ती में भाजपा के राम फेरन पांडेय, सपा के मोहम्मद रमजान से सिर्फ 445 वोटों से जीते।
- मोहनलालगंज से सपा के अंबरीश पुष्कर, बसपा के राम बहादुर राय से केवल 530 वोटों से जीते।
- गोहना सीट से भाजपा के श्रीराम सोनकर, बसपा के राजेंद्र कुमार को 538 वोटों से हराया था।
- रामपुर मनिहारन सीट से भाजपा के देवेंद्र कुमार ने बसपा के रवींद्र कुमार मोल्हू को 595 हराया।
- मुबारकपुर सीट से बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्‌डू जमाली ने सपा के अखिलेश यादव को 688 वोटों से हराया था।