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West Bengal Assembly Elections 2021: मतदान परिसर के 100 मीटर अंदर फोन या वायरलेस उपकरण ले जाने पर प्रतिबंध

West Bengal Assembly Elections 2021: पूर्वी मिदनापुर के अंतर्गत आने वाले हल्दिया क्षेत्र के उप-मंडल मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी करते हुए मतदान परिसर के 200 मीटर के भीतर 5 या उससे अधिक लोगों (चुनाव ड्यूटी में तैनात लोगों को छोड़कर) के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

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West Bengal Assembly Elections 2021: No cellular or cordless phone, wireless sets shall be allowed within 100 meters of the polling premises

हल्दिया।पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 ( West Bengal Assembly Elections 2021 ) के लिए दूसरे चरण का मतदान कल (गुरुवार, 1 अप्रैल) होने वाला है उससे पहले सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतदान के दिन किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसको लेकर हर तरह के सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पूर्वी मिदनापुर में अधिकारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मतदान केंद्रों के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दिया है, जो कि 2 अप्रैल तक लागू रहेगा।

पूर्वी मिदनापुर के अंतर्गत आने वाले हल्दिया क्षेत्र के उप-मंडल मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी करते हुए ये कहा कि मतदान परिसर के 200 मीटर के भीतर 5 या उससे अधिक लोगों (चुनाव ड्यूटी में तैनात लोगों को छोड़कर) का प्रवेश निषिद्ध है। इतना ही नहीं, चुनावी ड्यूटी में लगे व्यक्तियों को छोड़कर किसी के भी मतदान परिसर के 100 मीटर के भीतर सेलुलर फोन या मोबाइल फोन या कोई भी वायरलेस उपकरण ले जाने की इजाजत नहीं होगी।

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आपको बता दें कि 1 अप्रैल को दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल की 30 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें जिसपर सबके नजरें टिकी है, वह है नंदीग्राम की सीट। नंदीग्राम की सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके शुभेंदु अधिकारी के बीच महामुकाबला है। दोनों ही एक-दूसरे को मात देकर खुद को राजनीति का सिकंदर सिद्ध करने में लगे हुए हैं। ऐसे में दोनों ही नेता किसी भी तरह का कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

मतदान से ठीक पहले बंगाल में कई जगह पर चुनावी हिंसा की घटनाएं भी देखने को मिली हैं। जहां मोयना से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा पर जानलेवा हमला किया गया, वहीं शुभेंदु अधिकारी के काफिले को रोक दिया गया था। इससे पहले शुभेंदु के भाई पर भी हमला किया गया था। ऐसे में चुनाव आयोग के पास शांतिपूर्वक मतदान कराने की एक बहुत बड़ी चुनौती है।