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अदिति सिंह ने फेसबुक पर यह क्या लिखा दिया, कहीं ये भी तो

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 यूपी की राजनीति में अचानक तूफान सा आ गया। मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने धमाका किया और बुधवार को दारा सिंह चौहान ने। दोनों मंत्रियों ने भाजपा सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब एक और भाजपा नेता अदिति सिंह आज अपने फेसबुक पर लिखा एक शब्द, जिसके बाद अटकलों की आई बाढ़। जानिए आखिरकार वो शब्द क्या है...

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Aditi Singh

Aditi Singh

यूपी विधानसभा चुनाव की डेट का ऐलान होने के तत्काल बाद से सूबे की राजनीतिक दल अपने कील कांटे लेकर तैयारियों में जुट गए हैं। 10 फरवरी को चुनाव 2022 के पहले फेज के लिए मतदान होंगे। समय कम है। पर इधर भाजपा के अंदर असंतुष्ट खेमे में सुगबुगाहट शुरू हो गई। और एक के बाद एक विकेट गिरना शुरू हो गए। हलचल इसलिए भी अधिक होने लगी क्योंकि 24 घंटे के भीतर योगी सरकार के दो मंत्री सहित कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। पहले भाजपा के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इस्तीफा दिया फिर आज बुधवार को योगी सरकार में वन, पर्यावरण एवं जन्तु उद्यान मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 24 घंटे में योगी सरकार के दूसरे मंत्री ने इस्तीफा दिया है। इधर भाजपा की नेता और रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह की ओर से किए गए एक फेसबुक पोस्ट ने तमाम अटकलों को जन्म दे दिया है। अदिति ने बुधवार सुबह फेसबुक पर 'सब्र' लिखा तो उनके तमाम समर्थक और विरोधी इसके मायने निकालने में जुट गए हैं।

रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने जब 'सब्र' लिखा तो सोशल मीडिया यूजर्स इसके मायने तलाशने में जुटे हैं। किसी ने उन्हें 'सब्र' रखने की सलाह दी तो किसी ने पूछा कि क्या उनका भी 'सब्र' टूट रहा है। कुछ ने उन्हें यह भी कहा कि उन्होंने ही 'सब्र' नहीं रखा और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं। हालांकि, खुद अदिति ने इस पर कुछ नहीं कहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। और सभी अपने अपने ढंग से कयास लगा रहे हैं।

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2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थीं अदिति सिंह

अदिति सिंह 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थीं। लेकन बाद में उन्होंने बागी रुख अख्तियार कर लिया था। पिछले साल 24 नवंबर को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है। अदिति को राजनीति विरासत में अपने पिता अखिलेश सिंह से मिली, जो कद्दावर नेता माने जाते थे। वे रायबरेली से कांग्रेस और पांच बार निर्दलीय विधायक रहे हैं।

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