
Security Categories in India : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 स्थानीय नेताओं का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को 'जेड' और अन्य 23 नेताओं को 'एक्स' श्रेणी की सुरक्षा दिसंबर तक दी जाएगी। विदेशमंत्री एस जयशंकर का भी सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया था। उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था दी गई है। आइए आज हम जानते हैं कि भारत में कुल कितने श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था है और यह कैसे काम करती है...
What is X, Y, Z OR Z+ Security : भारत में है छह स्तर की सुरक्षा व्यवस्था
एसपीजी : विशेष सुरक्षा समूह यानी एसपीजी। यह देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है। इसमें भारतीय सैन्य बल, एनटीआरओ सहित तमाम खुफिया एजेंसी सुरक्षा घेरा पाबंद करने का काम करती हैं। इसके जिम्में केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालती है।
Z+ श्रेणी: एसपीजी के बाद यह 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो, एक बुलेटप्रूफ कार और 2 एस्कॉर्ट वाहन भी रहते हैं। आवास के बाहर पुलिस कैंप रहता है। भी गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण् सहित कई अन्य को प्रदान की गई है। Z+ श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति को पूरे देश में सुरक्षा मिलती है।
Z श्रेणी: 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसमें 4 से 6 एनएसजी कमांडो, दिल्ली पुलिस और CRPF जवान रहते हैं। बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। Z श्रेणी के तहत एक निजी व्यक्ति सुरक्षा कवर के लिए भुगतान करता है।
Y+ श्रेणी: 11 सुरक्षाकर्मी और एस्कॉर्ट वाहन रहता है। एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर भी तैनात होते हैं। भारत में कई VIP लोगों को इस स्तर की सुरक्षा दी गई है। अभिनेत्री कंगना रनौत और द कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक रंजन अग्निहोत्री भी इसमें शामिल हैं।
Y श्रेणी: 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें दो कमांडो और दो निजी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल होते हैं। भारत में इस श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।
X श्रेणी: दो सुरक्षाकर्मी और एक निजी सुरक्षा अधिकारी शामिल होता है। भारत में काफी संख्या में लोगों को इस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है।
ऐसी मिलती है सुरक्षा...
सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। खतरे का सामना करने वाला व्यक्ति देश के किसी पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर करता है। खुफिया एजेंसियां खतरे का पता लगती हैं। इसके बाद गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति तय करते है कि किसे किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाती हैं। इसके बाद सुरक्षा मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को फाइल भेजी जाती है।
Published on:
13 Oct 2023 04:10 pm
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