एक भारतीय मीडिया से बात करते हुए, स्टेलंटिस समूह के सीईओ कार्लोस तवारेस ने बताया कि, “सबसे पहले, मैं यह कहना चाहता हूं कि स्मार्ट-कार कार्यक्रम (Smart Car program) के तहत हमारे इलेक्ट्रिक वाहन भारत में तैयार किए गए हैं, और पहला ईवी अगले साल आएगा।” बताते चलें, कि स्मार्ट कार प्रोग्राम को C-cubed Programme भी कहा जाता है, और भारत के वैश्विक उत्पादन आधार के रूप में सिट्रॉन CMP प्लेटफॉर्म पर निर्मित कॉम्पैक्ट और किफायती कारों की एक रेंज को लॉन्च करने की याजना में है। फिलहाल तवारेस ने भारत में लॉन्च की जाने वाली सिट्रोएन की पहली इलेक्ट्रिक कार के बारे में सटीक जानकारी नहीं दी है, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि यह सब-4-मीटर मॉडल होगा जो C3 के समान प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा।
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वहीं कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के लिए Citroen का पहला EV बेहद किफायती होगा, उन्होंने कहा “हम चेन्नई से जो कारें बनाएंगे उनमें 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीयकरण होगा। हम भारत से भी बैटरियां लाना पसंद करते हैं, हालांकि, उन्हें स्थानीय स्तर पर सोर्स करना अभी संभव नहीं है। जैसे ही यह एक वास्तविकता बन जाएगा, हम भारत में बैटरियों की सोर्सिंग की दिशा में आगे बढ़ेगे।” ध्यान दें, कि अगले साल अपने कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक वाहन के लॉन्च के साथ Citroen बड़े पैमाने पर मौजूद खिलाड़ियों को पीछे छोड़ देगा,
जो सभी तेजी से उभरते हुए EV स्पेस में धीरे-धीरे अपना रास्ता खोज रहे हैं।
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वहीं मार्केट की लीडर मारुति सुजुकी देश में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार को 2025 तक लॉन्च करेगी। जबकि हुंडई – कॉम्पैक्ट स्पेस में एक प्रमुख खिलाड़ी है, और अब से लगभग दो से तीन साल बाद एक किफायती ईवी लॉन्च करेगी। तवारेस ने भविष्यवाणी की है कि 2025 तक भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच पांच से दस प्रतिशत होगी, और 2030 तक 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। खैर, देखना होगा कि सिट्रोन की ईवी हमें भारतीय सड़कों पर कब तक दिखाई देती है।