कैसे काम करते हैं इलेक्ट्रिक वाहन?
ऑल-इलेक्ट्रिक वाहन, जिन्हें बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) भी कहा जाता है, में आंतरिक दहन इंजन के बजाय एक इलेक्ट्रिक मोटर होती है। वाहन इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिए एक बड़े ट्रैक्शन बैटरी पैक का उपयोग करता है, और इसे दीवार के आउटलेट या चार्जिंग सॉकेट में प्लग किया जाता है।जिसे इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (EVSE) भी कहा जाता है। ईवी की खासियत होती है, कि ये टेलपाइप से कोई निकास नहीं छोड़ता है, और इसमें विशिष्ट तरल ईंधन घटक पंप, ईंधन लाइन, या ईंधन टैंक नहीं होते हैं। वहीं अगर आप आंतरिक दहन इंजन देखेंगे तो ये एग्जॉस्ट से धुंआ फेकते हैं, जिससे प्रदुषण होता है।
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कौन-से घटकों का होता है प्रयोग
ईवी में कई चीजें होती हैं, जो एक साथ काम करती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है बैटरी। इलेक्ट्रिक ड्राइव वाहन में सहायक बैटरी बिजली प्रदान करती है, जिसे चार्ज कर ईवी की रेंज आंकी जाती है। वहीं चार्ज पोर्ट ट्रैक्शन बैटरी पैक को चार्ज करने के लिए वाहन के बाहरी तरफ स्लॉट किया जाता है। इसके बाद आता है, डीसी/डीसी कनवर्टर। इसका प्रयोग हाई-वोल्टेज डीसी पावर को ट्रैक्शन बैटरी पैक से वाहन के एक्सेसरीज को चलाने और सहायक बैटरी को रिचार्ज करने के लिए किया जाता है, इसके अलावा ऑनबोर्ड चार्जर ट्रैक्शन बैटरी को चार्ज करने के लिए इसे डीसी पावर में परिवर्तित करता है। यह चार्जिंग और सॉकेट के साथ मिलकर बैटरी पैक को चार्ज करते समय बैटरी की विशेषताओं जैसे वोल्टेज, करंट, तापमान और चार्ज की स्थिति की निगरानी करता है।
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इसके बाद थर्मल सिस्टम इंजन, इलेक्ट्रिक मोटर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य घटकों के उचित ऑपरेटिंग तापमान रेंज को बनाए रखता है। यानी थर्मल किसी भी ईवी का बैटरी की तरह ही सबसे अहम पार्ट होता है, और अंत में आता है, ट्रांसमिशन। जो पहियों को चलाने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर से यांत्रिक शक्ति को ट्रांसफर करता है। इन सभी घटकों से मिलकर तैयार होती हैं, इलेक्ट्रिक वाहन। जिनमें से सबका अपना अलग कामहोता है।