
amjad khan did not have money to discharge wife from hospital
"कितने आदमी थे?" फिल्म 'शोले' का यह डायलॉग 47 साल बाद भी आज लोगों की जुबान पर चढ़ा रहता है।अमजद खान के बेटे और अभिनेता शादाब खान का जन्म उसी दिन हुआ था जिस दिन अमजद ने शोले साइन की थी, इसीलिए पिता उन्हें लकी मानते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में शादाब खान ने इस बात का खुलासा किया कि एक समय था जब पिता के पपास मां को अस्पताल से डिस्चार्ज तक कराने के पैसे नहीं थे।
इंटरव्यू के दौरान शादाब ने बताया कि जब उनका जन्म हुआ था तब उनके पिता के पास मां को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाने के लिए पैसे तक नहीं थे। मां रो रही थीं। शर्म के चलते पिताजी अस्पताल नहीं आ रहे थे। वो अपना चेहरा छुपा रहे थ। चेतन आनंद ने मेरे पिता को एक कोने में अपना सिर पकड़े हुए देखा। इसके चलते प्रोड्यूसर चेतन आनंद ने उन्हें 400 रुपये देकर मदद की थी। उस दौरान मेरे पिताजी ने उनकी फिल्म हिंदुस्तान की कसम की थी।
उन्होंने आगे बताया कि जब शोले में गब्बर सिंह का रोल मेरे पिता को मिला, सलीम खान साहब ने डायरेक्टर रमेश सिप्पी को उनका नाम रिकमेंड किया था. बैंगलोर एयरपोर्ट से 70 किलोमीटर दूर बाहरी इलाके रामगढ़ में होनी थी। प्लेन उड़ा, लेकिन उस दिन इतना टरब्यूलेंस था कि प्लेन को सात बार लैंड कराना पड़ा। ऐसे में जब प्लेन जब रनवे पर रुकी, तो ज्यादातर लोग डर के मारे फ्लाइट से बाहर निकल गए, लेकिन मेरे पिताजी नहीं निकले। उन्हें डर था कि अगर उन्होंने फिल्म नहीं की तो यह डैनी साब (डैनी डेन्जोंगपा) के पास वापस चली जाएगी। इसलिए, कुछ मिनटों के बाद वह भी फ्लाइट से उतर गए।
गौरतलब है कि साल 1975 में शोले रिलीज हुई थी। फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी और इसे डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने किया था। अमजद ने फिल्म में क्रूर डकैत गब्बर सिंह का किरदार निभाया था, जो आज तक जिंदा है। फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, हेमा मालिनी और जया बच्चन अहम किरदार में थे।
Published on:
09 May 2022 11:18 am
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