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Charlie Chaplin Dead Body Was Stolen: चार्ली चैप्लिन की मृत्यु के बाद ऐसा क्या हुआ था, जिससे सब हक्के बक्के रह गए

locationनई दिल्लीPublished: Oct 13, 2021 12:07:58 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Charlie Chaplin Dead Body Was Stolen: चार्ली चैपलिन के ताबूत को लौटाने के बदले में रुपयों की मांग करने वाले इन लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया रंगे हाथ।

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नई दिल्ली। Charlie Chaplin Dead Body Was Stolen: कहते हैं कि लोगों को हंसाना मुश्किल कलाओं में से एक है। इसलिए हिंदी सिनेमा हो या हॉलीवुड किसी भी कलाकार के लिए एक्शन, रोमांस और इमोशनल सीन करना इतना कठिन नहीं होता जितना कॉमेडी करना। क्योंकि कॉमेडी में जो सटीक टाइमिंग की जरूरत होती है, उसे समझना हर किसी के बस में नहीं है। हालांकि बॉलीवुड इंडस्ट्री में महमूद, जॉनी लीवर, असरानी, राजपाल यादव और जगदीप जैसे कई कलाकार हैं जिन्होंने कॉमेडी हीरो की अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

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वहीं अगर हॉलीवुड में कॉमेडी के लिए कोई मशहूर है, तो जहन में सबसे पहली छवि चार्ली चैपलिन की उभरती है। और ना केवल हॉलीवुड, बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें सबसे बड़ा कॉमेडी आर्टिस्ट माना जाता है। अब आप ही सोचिए कि बिना शब्दों के भी लोगों को हंसाने की कला हर किसी के पास तो नहीं हो सकती ना। शायद शब्दों के बल पर हम लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकें, लेकिन मात्र हाव-भाव के बल पर मौन रहकर हंसाना बेहद मुश्किल काम होता है। और उनकी इसी कला में चार्ली चैप्लिन को कॉमेडी के बेताज बादशाह का खिताब दिलाया। 75 साल के शानदार फिल्मी करियर के बाद सन् 1977 में मूक फिल्म के इस प्रसिद्ध अभिनेता का निधन हो गया। लेकिन जीवन भर सबको हंसाने वाले चार्ली चैपलिन की मृत्यु के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको दंग कर दिया था। तो आइए जानते हैं उस घटना के बारे में…

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25 दिसंबर 1977 को चार्ली चैप्लिन का स्विट्ज़रलैंड में देहांत होने के बाद उन्हें 27 दिसंबर 1977 को कोर्सियर-सर-वेवे नामक गांव की एंग्लिकन सेमेटरी में दफ़ना दिया गया था। इसके 2 माह पश्चात गांव वालों ने पाया कि, चार्ली चैप्लिन की कब्र ख़ुदी हुई है और उनका ताबूत भी गायब था। लोगों ने उनके ताबूत को ढूंढने की बड़ी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद वर्ष 1978 में 2 मार्च से 16 मई तक चार्ली चैप्लिन की पत्नी ऊना चैप्लिन और वकील को अज्ञात लोगों द्वारा ढेरों टेलीफोन कॉल मिले। जिन्होंने चार्ली चैप्लिन के पार्थिव शरीर को वापस लौटाने के एवज में उनकी पत्नी से 6 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी।

 

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लेकिन उस समय उनकी पत्नी ने यह कहकर इंकार कर दिया कि अगर चार्ली जीवित होते तो वो इसे हास्यास्पद ही मानते। इसके बाद स्विट्ज़रलैंड पुलिस ने क़रीब 200 टेलिफ़ोन बूथ पर नजर रखना शुरू कर दिया। और तभी 16 मई 1978 को पुलिस ने एक टेलिफ़ोन बूथ से फ़िरौती की मांग करने वाले 25 वर्षीय पोलिश शरणार्थी रोमन वार्डेस को पकड़ लिया। इसके अलावा उसकी मदद से ही पुलिस में जल्दी ही उसके बुल्गारियाई साथी गांतेस्चो गनेव को भी गिरफ्तार कर लिया। तब जाकर चार्ली चैपलिन के परिजनों को राहत मिली और उन्होंने दोबारा चार्ली के पार्थिव शरीर को एक सुरक्षित वॉल्ट में कंक्रीट की कब्र में दफन कर दिया था।

 

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