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10वीं के छात्र की क्लास में गोली मारकर हत्या, स्कूल बैग में पिस्टल लेकर आया था सहपाठी दरअसल, मामला एटा जिले के गांव गुदाऊ का है। बताया जा रहा है कि मूलरूप से कराची पाकिस्तान निवासी बानो बेगम का निकाह 35 वर्ष पहले गुदाऊ निवासी अख्तर अली के साथ हुआ था। बानो बेगम निकाह के बाद से ही लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही है। कई बार आवेदन करने के बाद भी उसे अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। इसके बावजूद बानो बेगम ने 2015 में हुए पंचायत चुनाव का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करते हुए पंचायत सदस्य बन गई थी। वहीं इसी वर्ष 9 जनवरी 2020 को ग्राम प्रधान शहनाज बेगम का देहांत हो गया और राजनीतिक समीकरणों के कारण बानो बेगम बानो को सदस्यों ने कार्यवाहक प्रधान चुन लिया गया।
आरोप सही पाए जाने के बाद एफआईआर के आदेश बानो बेगम के ग्राम प्रधान बनने के बाद 10 दिसंबर को एक ग्रामीण कुवैदान खान ने डीपीआरओ से उनके पाकिस्तानी नागरिक होने की शिकायत की। डीपीआरओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से महिला ग्राम प्रधान की जांच कराई। जैसे ही अपने खिलाफ शिकायत की जानकारी मिली तो बानो बेगम ने प्रधान के पद से तत्काल इस्तीफा दे दिया। पुलिस की जांच में ग्रामीण कुवैदान के आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी ने मंगलवार को बानो बेगम के खिलाफ ग्राम पंचायत सचिव को एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं।
मदद करने वालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान शहनाज बेगम के निधन के बाद एक संचालन समिति बनाई गई थी, जिसमें ग्राम पंचायत सचिव ने बानो बेगम को बतौर अध्यक्ष पेश किया था। इसके बाद उस ग्राम पंचायत सचिव को भी ग्राम पंचायत क्षेत्र से हटाया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार, गुदाऊ की कार्यवाहक प्रधान बनाई गई पाकिस्तानी नागरिक बानो बेगम के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। उसके नाम पर भारतीय दस्तावेज बनवाने में मदद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।