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इटावा में पहली बार जा रहे हैं योगी, अखिलेश और सपा खेमे में बढ़ी बेचैनी

सपा के गढ़ में होंगे 1 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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akhilesh and yogi

बढ़ सकती है सपा की बैचेनी जब उनके गढ़ में दिखेगी भाजपा की ताकत

इटावा. 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी तैयारियां अपने चरम पर हैं। भाजपा हो या सपा, हर कोई विपक्षी दल का रथ नीचे गिराने के लिए रणनीति बना रहा है। एक ओर जहां समाजवादी पार्टी परिवारवाद को खत्म कर पार्टी के संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर सपा के गढ इटावा में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास लोकार्पण के लिए आएंगे। वे 1 जून को इटावा में मिशन 2019 का आगाज करेंगे। इस मौके पर वे पार्टी के छोटे बड़े कार्यकर्ताओं से बात करेंगे।

इन्हें बुलाया गया है कार्यक्रम में

मिशन 2019 के तहत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से मिलकर जमीनी हकीकत का आगाज किया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में कानपुर बुंदेलखंड के सभी 17 जिलों के 9 सांसद, 47 विधायक, जिलाध्यक्ष बुलाए गए हैं। इस दौरान पार्टी के हर कार्यकर्ता से बात कर लक्ष्य तय किया जाएगा और साथ ही कार्यकर्ताओं को टिप्स भी दिए जाएंगे।

पार्टी का अंदरूनी ढांचा हो मजबूत

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा सरकार पार्टी के अंदरूनी ढांचे को मजबूत करने में जुटी हुई है। किसी भी तरह की कोई लापरवाही न हो, इसके लिए फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा है। इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं में जोश भरने की तैयारी की जा रही है और साथ ही गैरजिम्मेदार या लापरवाह को दरकिनार किया जा रहा है, जिससे कि आगामी चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान न हो।

भाजपा का इटावा कनेक्शन

इटावा के भरथने जिले से नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव का आगाज किया था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी यहां दो बार जनसभा की है। इटावा में सपा के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पैतृक जिला है। सपा की मजबूती का आधार सैफई परिवार ही है। इसी के साथ इटावा-औरेया की लोकसभा सीट से बसपा के संस्थापक स्व. कांशीराम ने 1991 में लोकसभा चुनाव जीता था।