बिजिलेंस टीम ने 40 हजार रिश्वत लेते बीएसए ऑफिस के ‘बाबू’ को किया गिरफ्तार, हुई थी शिकायत
Vigilance team arrested BSA office Clerk इटावा स्थित बीएसए ऑफिस के वरिष्ठ सहायक लिपिक को कानपुर की विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जिसे अपने साथ लेकर कानपुर चली गई है। दूसरी तरफ वरिष्ठ सहायक अपने आप को निर्दोष बता रहा है। बीएसए ने कहा कि सहायक शिक्षक के खिलाफ शिकायत मिली थी।
Vigilance team arrested BSA office Clerk उत्तर प्रदेश के इटावा में बेसिक शिक्षा कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया। जब विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते वरिष्ठ सहायक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम वरिष्ठ सहायक को स्थानीय थाना ले गई। वहां से अपने साथ लेकर कानपुर चली गई। इस दौरान वरिष्ठ सहायक अपने आप को निर्दोष बताता रहा। छापामारी के समय बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे। मामला फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र से नियुक्ति से जुड़ा हुआ है।
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गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनकटी बुजुर्ग जसवंत नगर के सहायक अध्यापक विनय कुमार त्रिपाठी के खिलाफ फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र से नौकरी मिलने की जांच चल रही है। वरिष्ठ लिपिक शिवकुमार मामले को निपटने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की। सौदा 40 हजार रुपए में तय हुआ। इस संबंध में उन्होंने कानपुर स्थित विजिलेंस कार्यालय में लिखित शिकायत की। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों से नौकरी मिलने की झूठी शिकायत की गई है।
कानपुर विजिलेंस को लिखित शिकायत
अपने शिकायती पत्र में सहायक शिक्षक ने बताया कि बीएसए ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक उनसे पैसे की मांग कर रहे हैं। बीते शुक्रवार को इंस्पेक्टर सीमा सिंह के नेतृत्व में विजिलेंस टीम बीएसए कार्यालय पहुंची। जहां उन्होंने पूर्व नियोजित योजना के अनुसार विनय कुमार त्रिपाठी निवासी टिकरी लवेदी को वरिष्ठ सहायक के पास पैसे देने के लिए पहुंचे। उसी समय विजिलेंस विभाग की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें बकेवर थाना ले जाया गया। यहां से बिजनेस टीम वरिष्ठ सहायक को लेकर कानपुर चली गई।
क्या कहते हैं बीएसए?
इस दौरान वरिष्ठ सहायक शिव कुमार अपने आप को निर्दोष बताता रहा। उसने थाने में बताया कि नोट की गद्दी उन्होंने नहीं ली है। उनके ऊपर फेंका गया है। इस संबंध में बीएसए डॉ राजेश कुमार ने बताया कि घटना के समय वह मौके पर नहीं थे। सीसीटीवी कैमरे को देखा गया कि इसमें सहायक अध्यापक नोटों की गद्दी को वरिष्ठ सहायक की तरफ फेंकते दिखाई पड़ रहे हैं। सहायक शिक्षक के खिलाफ जांच के संबंध में उन्होंने बताया कि 2018 में सहायक अध्यापक की नियुक्ति हुई थी। जिसकी फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी मिलने की शिकायत की गई थी। जिसकी जांच चल रही है।
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