बता दें कि भारत सरकार की ओर से आतंकी हमले के मद्देनजर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर राज्य छोड़ने की सलाह दिए जाने के बाद ब्रिटेन ने एडवाइजरी जारी की है।
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यात्रियों को दी तीन हिदायतें
विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय ने ब्रिटिश नागरिकों को जम्मू-कश्मीर की यात्रा न करने की सलाह दी है। साथ ही साथ तीन हिदायतें भी दी है।
ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को पहली हिदायत दी है कि जम्मू शहर के अंदर ही यात्रा करें। दूसरा- हवाईमार्ग के द्वारा ही जम्मू जाएं और तीसरा- लद्दाख क्षेत्र के भीतर ही यात्रा करें।
एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि किसी यात्री को बहुत जरूरी हो तो ही श्रीनगर शहर में जाएं। आगे यह भी कहा गया है कि श्रीनगर और जम्मू के बीच पड़ने वाले शहरों की यात्रा करने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से आने-जाने से बचें। साथ ही साथ पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग की यात्रा फिलहाल न करें।
जर्मनी ने भी जारी की एडवाइजरी
ब्रिटेन के बाद जर्मनी ने भी अपने नागरिकों को जम्मू एवं कश्मीर की यात्रा न करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। जर्मनी ने कहा है ‘कश्मीर यात्रा की सख्त मनाही।’
एडवाइजरी में कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर राज्य में हाल के दशकों में और हाल के दिनों में बम हमले हुए हैं, जिसमें कई लोग मारे जा चुके हैं।
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लिहाजा पूरे क्षेत्र में विदेशियों के खिलाफ हमलों से इंकार नहीं किया जा सकता, जिसमें अपहरण की घटना भी शामिल हो सकती है।’ इसलिए श्रीनगर सहित कश्मीर इलाके में यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है।
जर्मनी ने एडवाइजरी में आगे कहा है ‘जम्मू एवं कश्मीर राज्य में हिंसक आतंकी घटनाएं और प्रदर्शनकारियों व पुलिस या सेना के बीच अचानक संघर्ष की घटनाएं हो रही हैं’।
सितंबर 2016 से अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों तथा विभिन्न अलगाववादी समूहों के बीच फिर से सशस्त्र संघर्ष शुरू हो गए हैं।
एडवाइजरी में जर्मनी ने अपने नागरिकों से कहा है कि हमेशा स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों के निर्देशों का अनुसरण करें।
सरकार ने घाटी में बढ़ाई सैनिकों की तैनाती
बता दें कि भारत ने कश्मीर में पहले 10 हजार सैनिकों की तैनाती की और उसके बाद बीते दिनों 25 हजार सैनिकों की तैनाती को लेकर माहौल गर्मा गया है।
सैनिकों की तैनाती से पाकिस्तान के अंदर बैचेनी बढ़ गई है तो वहीं जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों में भी घबराहट है। सभी राजनैतिक दल असमंजस में हैं कि सरकार क्या करने वाली है।
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फिलहाल सरकार के अलावा किसी को नहीं पता है कि अचानक सरकार ने इतने सैनिकों को क्यों तैनात किया है।
बहरहाल, कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर से धारा 35-ए के हटाने को लेकर सरकार कोशिश कर रही है और ऐसे में घाटी का माहौल न बिगड़े इसलिए पहले से ही तैयारी की जा रही है।
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