
अमरीका नहीं जाना चाहते हैं विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांज, प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ेंगे मुकदमा
लंदन।ब्रिटेन की एक अदालत से सजा मिलने के बाद गुरुवार को विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांज ( Julian Assange ) ने लंदन की कोर्ट से गुहार लगाया है। असांज ने कोर्ट से अपील की है कि उन्हें अमरीका को प्रत्यर्पण न किया जाए। वे खुद को अमरीका को प्रत्यर्पण करने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। असांज ने अपने कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि विकीलीक्स के संस्थापक के तौर पर किए गए उनके कार्यों से आम लोगों को काफी फायदा पहुंचा है। असांज ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा कि वे खुद को अमरीका को प्रत्यर्पण के लिए समर्पण नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने जो कुछ भी किया है उसे वह पत्रकारिता ( journalism ) मानते हैं और इसके लिए कई पुरस्कार भी जीत चुके हैं।
जूलियन असांज को 50 हफ्ते की मिली है सजा
बता दें कि जूलियन असांज को जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में बुधवार को लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने 50 हफ्ते की जेल की सजा सुनाई थी। गुरुवार को असांज लंदन के बेलमार्श जेल में एक वीडियो लिंक के माध्यम से वेस्टमिनस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट में अपनी बात रखी। उन्होंने जस्टिस माइकल स्नो से कहा कि वे अमरीका को प्रत्यर्पण करने को लेकर अपनी समहति नहीं दे सकते हैं। मैं स्वयं प्रत्यर्पित होने के लिए इच्छा नहीं रखता हूं, क्योंकि मैंने जो भी किया वह पत्रकारिता है और इससे कई की जिंदगियां बचाई है। इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को होगी। मालूम हो कि 47 वर्षीय असांज को असांज को बीते महीने 11 अप्रैल ब्रिटेन के इक्वाडोर दूतावास से गिरफ्तार किया गया था।
जूलियन असांज पर लगा है रेप का आरोप
मालूम हो कि जूलियन असांज पर स्वीडन में एक महिला के साथ रेप करने का आरोप लगा था। इसी मामले को लेकर लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 29 जून 2012 को असांज के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। लेकिन असांज ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इक्वाडोर दूतावास में शरण ले ली। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए भी कहा था।
कौन हैं जूलियन असांज?
जूलियन असांज ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के रहने वाले हैं। 2016 में जूलियन असांज ने 'विकीलीक्स' नाम से एक वेबसाइट बनाई, जिसपर उन्होंने इराक युद्ध से संबंधित करीब चार लाख से अधिक दस्तावेजों को जारी किए। इन दस्तावेजों में अमरीका, इंग्लैंड और नाटो की सेनाओं को अपराधी के तौर पर बताया गया है। इसके बाद से पूरी दुनिया में वे मशहूर हो गए। असांज को कंप्यूटर कोडिंग, प्रोग्रामिंग और हैकिंग में महारथ हासिल है। 2008 में असांज को विकीलीक्स पर किए कार्यों के लिए 'द इकॉनोमिस्ट फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन अवॉर्ड' और 2010 में सेम एडम्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.
Updated on:
04 May 2019 08:09 am
Published on:
03 May 2019 05:38 pm
बड़ी खबरें
View Allयूरोप
विदेश
ट्रेंडिंग
